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Chhath Puja 2025 Kharna Prasad: छठ पूजा के दूसरे दिन खरना आज, जानें किस बर्तन में प्रसाद बनाना होगा सही

Chhath Puja 2025 Kharna Prasad: छठ पूजा का महापर्व शुरू हो चुका है। इसमें दूसरे दिन पूरे दिन निर्जला व्रत करने के बाद खरना प्रसाद ग्रहण करेंगे और उसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करेंगे। ये प्रसाब कैसे और किस बर्तन में बनना चाहिए। इसके भी नियम हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।

अपडेटेड Oct 26, 2025 पर 6:30 AM
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खरना प्रसाद ग्रहण करने के बाद से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है।

Chhath Puja 2025 Kharna Prasad: सूर्य देव और छठ माता की उपासना का महापर्व शुरू हो चुका है। इसमें नहाय-खाय के बाद दूसरे दिन यानी आज 26 अक्टूबर को कार्तिक मास के शक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना किया जाएगा। छठ पूजा में खरना का बहुत महत्व है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत करते हैं और एक समय का भोजन करते हैं। खरना व्रत में व्रती बिना नमक का खाना खाते हैं। खरना प्रसाद ग्रहण करने के बाद से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है। इसलिए खरना प्रसाद का पूरे छठ महापर्व में बहुत महत्व है। इसकी साफ-सफाई से लेकर इसे बनाने के बर्तन तक पर सख्त नियम लागू होते हैं। आइए जानें क्या है ये नियम

खरना का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, सूर्योदय सुबह 6:29 बजे होगा और सूर्यास्त शाम 5:41 बजे होगा। खरना पूजा और प्रसाद अर्पण शाम 5:41 के बाद होगा। इस समय प्रसाद चढ़ाकर व्रती छठी मैया का आशीर्वाद लेंगे।

खरना के प्रसाद में क्या बनता है?

खरना के प्रसाद में मुख्य रूप से गुड़ की खीर, बिना नमक के गेंहू की रोटी, और सात्विक फल जैसे केला, सेब, नारियल आदि शामिल होते हैं। यह प्रसाद पूरी तरह शुद्ध और सात्विक होता है, जिसमें लहसुन, प्याज, मसाले या पैकेज्ड सामग्री का प्रयोग नहीं किया जाता। खरना का प्रसाद बनाकर उसे सूर्य देव व छठी मैया को अर्पित किया जाता है। उसके बाद व्रती इसे ग्रहण करते हैं, जिससे 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है।


एल्युमिनियम के बर्तन में नहीं बनाते खरना प्रसाद

छठ पूजा में प्रसाद को अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसलिए छठ पूजा के खरना व्रत का प्रसाद मिट्टी, पीतल, कांसा या स्टील के बर्तनों में बनाना शुभ माना जाता है। इस महापर्व में एल्युमिनियम के बर्तन का प्रयोग वर्जित माना जाता है। इसके पीछे धार्मिक, पारंपरिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण हैं। दरअसल एल्युमिनियम को पारंपरिक रूप से अशुद्ध धातु माना गया है, इसलिए पूजा में इसका प्रयोग नहीं होता। एल्युमिनियम गर्म होने पर भोजन में रासायनिक तत्व छोड़ सकता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

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