Chhath Puja 2025 Upay: चार दिनों का छठ पर्व आज से शुरू हो गया है। इसमें सूर्य देव और छठ माता की पूजा की जाती है। यह पर्व बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल के कुछ हिस्सों में बहुत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि छठ पूजा पर्व नहीं बल्कि भावनाओं का समावेश भी है। भक्तों का अटूट विश्वास है कि इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया उनकी मांगी मनोकामनाएं जरूर पूरी करते हैं। इसलिए कहते हैं कि छठ के दौरान संतान प्राप्ति के लिए कुछ विशेष उपाय करने से सूनी गोद भर जाती है। पंचांग के अनुसार आज नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है।
आज नहाय-खाय है, जबकि कल यानी 26 अक्टूबर को खरना पूजा है। 27 अक्टूबर को ढलते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा तो 28 अक्टूबर को उगते सूरज को अर्घ्य देने का विधान है। 28 अक्टूबर को छठ महापर्व का समापन होगा।
28 अक्टूबर सूर्योदय : सुबह 06:28 बजे
सूर्यास्त : शाम 05:42 बजे
चन्द्रोदय : सुबह 09:50 बजे
सनातन धर्म में छठ का महापर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। राम कचहरी चारों धाम मंदिर के महंत शशिकांत दास ने लोकल 18 को बताया कि सच्चे मन और पूरे विधि-विधान से छठ माता और सूर्य देव की पूजा आराधना की जाती है। छठ पूजा में महिलाएं भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं और लगातार 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। छठ महापर्व के दौरान भगवान सूर्य की पूजा करने से सभी तरह के दुख-दर्द और कष्ट दूर हो जाते हैं। पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है और पुत्र के कुशलता की मंगल कामना के लिए छठ माता की पूजा आराधना की जाती है। इस दौरान कुछ खास उपाय भी किए जाते हैं।
छठ महापर्व के दौरान संतान प्राप्ति के लिए छठ पूजा के दिन संतान सुख, रक्षा और समृद्धि के लिए 36 घंटे तक महिलाओं को छठी माता की पूजा आराधना में लीन रहना चाहिए। संतान इच्छुक महिलाएं संतान की प्राप्ति के लिए छठ पूजा में विशेष उपाय भी करना चाहिए। नहाय खाय के साथ ही विधि विधान पूर्वक तीन दिनों तक पूजा आराधना करना चाहिए। अगले दिन खरना का प्रसाद ग्रहण कर निर्जल उपवास रखें। इसके अलावा संध्या के समय पवित्र नदियों में जाकर खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान सूर्य से प्रार्थना करनी चाहिए। फिर अगले दिन सुबह सूर्य उदय के समय अपनी संतान प्राप्ति की मनोकामना के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।