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Chitragupta Puja 2025: दिवाली में इस दिन की जाएगी चित्रगुप्त पूजा, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Chitragupta Puja 2025: चित्रगुप्त पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। दिवाली के त्योहार का आखिरी दिन होता है। कायस्थ समाज के लोग अपने ईष्ट और कुलदेवता के रूप में भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। आइए जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

अपडेटेड Oct 16, 2025 पर 12:45 AM
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कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे शुरू होगी।

Chitragupta Puja 2025: भगवान चित्रगुप्त की पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। दिवाली के पांच दिवसीय पर्व का ये आखिरी दिन होता है। यह पूजा मुख्य रूप से कायस्थ समाज के लिए विशेष होती है। इस दिन वे भगवान चित्रगुप्त की पूजा अपने ईष्ट और कुलदेवता के रूप करते हैं। भगवान चित्रगुप्त समस्त प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और यमराज के सहायक के रूप में जाने जाते हैं। माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त कलम-दवात की सहायता से समस्त जीवों के कर्मों का विवरण लिखते हैं। इसलिए इस दिन को मस्याधार पूजा भी कहा जाता है, क्योंकि कलम और दवात को मस्याधार कहते हैं।

चित्रगुप्त पूजा मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे शुरू होगी। इस तिथि का समापन 23 अक्टूबर को रात 10:46 बजे होगा। अत: चित्रगुप्त पूजा गुरुवार 23 अक्टूबर को की जाएगी।

चित्रगुप्त पूजा मुहूर्त - दोपहर 1:13 बजे से दोपहर 3:28 बजे तक

भाई दूज के साथ होती है चित्रगुप्त पूजा

दिवाली के पांच दिवसीय पर्व का समापन भाई दूज के त्योहार के साथ होता है। इसी दिन भगवान श्री चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति इसी दिन हुई थी। कलम-दवात भगवान चित्रगुप्त के अस्त्र-शस्त्र हैं और वो इनकी सहायता से समस्त जीवों के कर्मों का विवरण लिखते हैं। इसलिए इनकी पूजा में कलम-दवात और कागज की पूजा की जाती है।


चित्रगुप्त जी की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
  • वेदी पर चित्रगुप्त की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें।
  • चित्रगुप्त जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उन्हें पंचामृत अर्पित करें।
  • इसके साथ ही चित्रगुप्त जी को हल्दी, चंदन, फूल, फल और मिठाई आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद चित्रगुप्त कथा का पाठ करें और आरती करें।
  • अंत में सभी लोगों में प्रसाद बांटें।

जरूर करें ये काम

चित्रगुप्त जी की पूजा में कलम और खाली कागज जरूर लेकर बैठें। पूजा के दौरान खाली पन्ने पर रोली और घी से स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद "श्री गणेशाय नमः" और "ॐ चित्रगुप्ताय नमः" लिखें। इसके बाद इस कागज पर सभी देवी-देवताओं का नाम लिखें। और इसे भगवान चित्रगुप्त के चरणों में अर्पित कर दें।

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