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Ganesh Chaturthi: गणपति बप्पा के सही आकार और रंग का चयन, जानिए शास्त्र अनुसार

Ganesh Chaturthi: पूरे देश में 27 अगस्त 2025 को गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। घर में गणपति बप्पा की स्थापना के लिए सही मूर्ति का चयन और उन्हें कितने दिनों तक विराजमान रखना शुभ होता है, इस बारे में जानना आवश्यक है

अपडेटेड Aug 25, 2025 पर 9:32 AM
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Ganesh Chaturthi: इस साल, 27 अगस्त 2025, बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

गणेश उत्सव का पर्व हर साल भक्तों के लिए बेहद प्रिय और विशेष होता है। ये त्योहार न केवल भगवान गणेश की आराधना का अवसर है, बल्कि घर-घर में खुशियों, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है। इस साल, 27 अगस्त 2025, बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन भक्त अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति लाकर पूजा करते हैं और पूरे परिवार के साथ भक्ति एवं उत्सव का आनंद लेते हैं। घर में मूर्ति स्थापना के लिए सुबह 5:40 से 9:00 बजे और दोपहर 11:05 से 1:40 बजे तक का समय विशेष रूप से शुभ माना गया है, जिससे स्थापना का कर्म और अधिक फलदायक होता है।

इसके साथ ही, मूर्ति का विसर्जन अनंत चतुर्दशी, 7 सितंबर 2025, रविवार को किया जाएगा। ये दिन भगवान गणेश को विदा करने का महत्व रखता है और भक्तों के लिए आशीर्वाद लेने का अंतिम अवसर होता है

घर में गणपति बप्पा की मूर्ति चुनते समय ध्यान रखने योग्य बातें


1.वास्तु और धार्मिक नियमों का पालन

घर में गणपति बप्पा की स्थापना वास्तु के नियमों के अनुसार करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे घर में समृद्धि, शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

2. मूर्ति का आकार

घर के लिए मध्यम आकार की मूर्ति सबसे उत्तम होती है। न तो बहुत छोटी और न ही बहुत बड़ी मूर्ति लें। बड़ी मूर्तियों को पंडाल में रखा जाता है।

3. मूर्ति की मुद्रा

घर के लिए बैठे हुए गणेश की मूर्ति श्रेष्ठ मानी जाती है। पंडालों में खड़े, नृत्य करते हुए या अन्य कलात्मक मुद्राओं में मूर्ति स्थापित की जा सकती है।

4. सूंड की दिशा

घर में स्थापित मूर्ति की सूंड बाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए। दाईं ओर झुकी हुई (दक्षिणामुखी) गणेशजी की मूर्ति पूजा में विशेष नियमों की आवश्यकता होती है और यह मुख्य रूप से मंदिरों में रखी जाती है।

5. मूर्ति का रंग

घर में सफेद रंग की मूर्ति शुभ मानी जाती है। इसके अलावा सिंदूरी रंग की मूर्ति भी ले सकते हैं।

6. मूर्ति के साथ विशेष प्रतीक

मूर्ति में मोदक और मूषक का होना जरूरी है। ये संकेत करते हैं कि बप्पा घर में सुख और समृद्धि लाते हैं।

7. स्थापना का समय

मूर्ति को चतुर्थी से पहले किसी शुभ मुहूर्त में घर लाना चाहिए। इससे पूरे वर्ष शुभ फल और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

घर में गणपति बप्पा रखने की परंपरा और अवधि

1. स्थापना की अवधि परिवार पर निर्भर

शास्त्रों के अनुसार मूर्ति कितने दिनों तक रखनी है, ये परिवार की आस्था, सुविधा और परंपरा पर निर्भर करता है।

2. डेढ़ दिन का प्रवास

कुछ घरों में बप्पा को डेढ़ दिन के लिए रखा जाता है। ये छोटा, सरल और भावपूर्ण उत्सव होता है। जल्दी विदाई देकर बप्पा से आशीर्वाद लिया जाता है और अगले साल पुनः आमंत्रित करने का संकल्प लिया जाता है।

3. तीन दिन का प्रवास

कामकाजी परिवारों के लिए तीन दिन का प्रवास सुविधाजनक होता है। इस अवधि में पूजा, भक्ति और प्रसाद के साथ उत्सव मनाने का पूरा समय मिलता है।

4. पांच दिन का प्रवास

धार्मिक मान्यता है कि पांच दिन तक बप्पा घर में रहने से सकारात्मकता और समृद्धि आती है। साथ ही, परिवार और मित्रों को आमंत्रित करके पूजा और प्रसाद वितरण का पर्याप्त समय मिलता है।

5. सात दिन का प्रवास

सात दिन तक बप्पा का घर में रहना गहरी आस्था और समर्पण का प्रतीक है। पूरे सप्ताह घर में भक्ति, संगीत और प्रसन्नता का माहौल बना रहता है।

6. ग्यारह दिन का पारंपरिक उत्सव

महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में ग्यारह दिन तक गणपति उत्सव मनाया जाता है। इस अवधि में घर और पंडालों में बप्पा विराजमान रहते हैं। अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी पर मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सामग्री जानकारी मात्र है। हम इसकी सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता का दावा नहीं करते। कृपया किसी भी कार्रवाई से पहले विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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