Good Friday 2025: हर साल अलग-अलग तारीख को मनाते हैं गुड फ्राइडे, आखिर ऐसा क्यों? जानें इतिहास और महत्व

Good Friday 2025: गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक पवित्र दिन माना जाता है। ईसाई समाज को काफी दिनों से इस दिन का इंतजार रहता है। इस दिन यीशु मसीह को उनके विरोधियों ने शूली पर लटका दिया था। इस दिन यीशु मसीह के बलिदान को याद करने और उनकी मौत का शोक मनाया जाता है

अपडेटेड Apr 18, 2025 पर 10:01 AM
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Good Friday 2025: गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं।

गुड फ्राइडे का दिन ईसाई धर्म के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल गुड फ्राइडे 18 अप्रैल को मनाया जा रहा है। इस दिन यीशु मसीह को उनके विरोधियों ने शूली पर लटका दिया था। हालांकि, यह दिन अपने नाम के उलट शोक मनाने का है। इसी दिन ईसा मसीह ने अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण त्यागे थे। उनके इस बलिदान की याद में ही हर साल गुड फ्राइडे मनाया जाता है। यह ईसाइयों के लिए एक पवित्र दिन है। बाइबल की किताब में मृत्यु का दिन जन्म के दिन से बेहतर माना गया है।

बता दें कि प्रभु ईसा मसीह ने लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया था। इसी के कारण कुछ मानवता के दुश्मनों ने प्रभु यीशु के विरूद्ध अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया था। इन आरोपो के चलते उनको शूली पर चढ़ा दिया गया था। ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार यीशु के इस बलिदान ने ही मानवता को नया जीवन दिया।

क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे?


गुड फ्राइडे (Good Friday history) ईसाई धर्म मानने वालों के लिए बेहद खास होता है। ईसा मसीह को शुक्रवार के दिन ही सूली पर चढ़ाया गया था। जिसे आज दुनिया भर के ईसाई गुड फ्राइडे के रूप में मनाते हैं। यह दिन पर यीशु मसीह की पीड़ा और मानव जाति के लिए उनके बलिदान को याद करने का समय है। ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथ बाइबल के मुताबिक, करीब 6 घंटे तक ईसा मसीह के शरीर पर कीले लगाए गए थे। इसके बाद उनको लटकाया गया था। इस दिन प्रभु यीशु के बताए हुए रास्ते पर चलने की शपथ ली जाती है। इस दिन काले कपड़े पहनकर शोक भी व्यक्ति किया जाता है। उनके उपदेश भी दिए जाते हैं। इस दिन लोग अपनी गलतियों की ईश्वर यीशु मसीह से माफी मांगते हैं। इस दिन कुछ लोग भोजन न करके उपवास भी रखते हैं।

जानिए गुड फ्राइडे क्यों कहते हैं

दरअसल, गुड फ्राइडे को होली डे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर गुड का अर्थ अच्छा नहीं है। इस गुड का अर्थ पुरानी अंग्रेजी में पवित्रता से है। इसका अर्थ पवित्र शुक्रवार से है। वहीं, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस दिन को ‘God’s Friday’ मतलब ईश्वर का शुकवार कहा जाता था। धीरे-धीरे यह ‘God’ से बदलकर ‘Good’ हो गया।

हर साल अलग-अलग तारीख को गुड फ्राइडे क्यों आता है?

गुड फ्राइडे की तारीख हर साल बदल जाती है। इसकी वजह ये है कि आज से करीब 2500 साल पहले प्रभु यीशु मसीह को सूली पर लटकाया गया था। उस समय ग्रेगोरियन कैलेंडर नहीं था। गुड फ्राइडे की तारीख का चुनाव ईस्टर की तारीख के साथ किया जाता है। माना जाता है कि 325 ईसवी में हुई 'काउंसिल ऑफ नाइसिया' नाम की ईसाई धर्मसभा में तय किया गया था कि वसंत विषुव यानी जिस दिन धरती पर दिन और रात बराबर होते हैं।

उसके बाद आने वाले पास्का पूर्णिमा (जिसे खासतौर से चर्च द्वारा ईस्टर की तारीख निकालने में इस्तेमाल किया जाता है) के बाद आने वाले रविवार को ईस्टर मनाया जाएगा। कैलेंडर के हिसाब से, ईस्टर संडे से 2 दिन पहले के शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाता है।

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Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Apr 18, 2025 9:48 AM

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