Govardhan Puja 2025: दिवाली का त्योहार बस आने वाला है। इसकी शुरुआत शनिवार 18 अक्टूबर को धनतेरस के पर्व से होगी। दिवाली हमारे देश का बहुत बड़ा पर्व है, जो 5 दिनों तक चलता है। इसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज के त्योहार मनाए जाते हैं। गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के अगले दिन यानी प्रतिपदा को किया जाता है। भगवान श्री कृष्ण को समर्पित इस पर्व में गोवर्धन की पूजा की जाती है। ये पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। आइए जानें इस साल ये पर्व किस दिन मनाया जाएगा और इसमें पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा।
दो दिन पड़ रही है कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। देवघर के पंडित धनंजय पाठक ने लोकल 18 को बताया कि इस साल 21 और 22 दोनों दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पड़ रही है, जिसमें गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। लेकिन उदया तिथि के अनुसार 22 तारीख को ही गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया जाएगा।
कब से शुरू हो रही प्रतिपदा तिथि
पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 अक्टूबर को शाम 04:26 बजे से शुरू हो रही है। यह तिथि अगले दिन, 22 अक्टूबर को शाम 06:17 बजे तक रहेगी। इसलिए गोवर्धन पूजा इस साल 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण को छप्पन प्रकार के भोग अर्पित करना चाहिए। घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उनकी पूजा की जाती है और कथा सुनी जाती है।
गोवर्धन पूजा के लिए भक्त गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर अन्नकूट सजाते हैं, भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और छप्पन प्रकार के भोजन अर्पित करते हैं। इस दिन अन्न, भोजन या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करने का विशेष महत्व है। जिनके यहां गाय है, उन्हें इस दिन अपनी गाय की भी पूजा करनी चाहिए। इस घर में सुख समृद्धि का वास होता है।
क्यों मनाई जाती है गोवर्धन पूजा
पौराणिक मान्यता के अनुसार, गोकुलवासियों को इंद्र देवता के क्रोध से बचाने के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। इसी के प्रतीक के तौर पर दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है।