Indira Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व है। हिंदू कैलेंडर में एक साल में 24 एकादशी तिथियां आती हैं। हर एक का अलग महत्व और अलग नाम है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इंदिरा एकादशी भी पूरे साल में आने वाली एकादशी तिथियों में से एक है। पंचांग के अनुसार आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार की इंदिरा एकादशी के दिन शिव और परिघ योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, इन योगों के निर्माण से ये तिथि भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही पितरों के लिए भी विशेष हो गई है।
16 सितंबर से लग जाएगी एकादशी तिथि
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 16 सितंबर की रात 12.21 बजे से लग जाएगी। एकादशी तिथि का समापन 17 सितंबर को देर रात 11.39 बजे होगा। अधिकांश हिंदू व्रत और त्योहार उदया तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं, इसलिए इंदिरा एकादशी का व्रत 17 सितंबर को किया जाएगा।
इंदिरा एकादशी के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें। पितरों को याद करके उन्हें भी श्रद्धांजलि दें। पूजा के लिए एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और दीपक जलाएं। भगवान विष्णु को पीले फूल और मिठाई अर्पित करें। माना जाता है कि श्रीहरि विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इसके बाद पूजा की अन्य सामग्री अर्पित करें और व्रत की कथा सुनें। अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद बांटें।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु प्रचोदयात्। ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।
पितरों की शांति के लिए करें ये काम
इंदिरा एकादशी के दिन घी, दूध, दही और अन्न का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इन वस्तुओं का दान करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और धन लाभ होता है। साथ ही इस दिन किसी जरूरतमंदों को भोजन कराने से पितर संतुष्ट होते हैं।