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Kartik Pradosh Vrat Date: इस दिन किया जाएगा कार्तिक मास का प्रदोष का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Kartik Pradosh Vrat Date: हिंदू कैलेंडर के प्रत्येक माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। ये दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस बार प्रदोष व्रत में शिव वास योग और अभिजीत मुहूर्त का शुभ संयोग बन रहा है। आइए जानें किस दिन होगा प्रदोष व्रत

अपडेटेड Oct 15, 2025 पर 7:54 AM
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प्रदोष की तिथि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होती है।

Katrik Pradosh Vrat Date: कार्तिक मास को हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण महिना माना जाता है। इस माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं। हिंदू कैलेंडर में कार्तिक मास के प्रदोष व्रत का भी बहुत महत्व है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन जहां धनतेरस का पर्व मनाया जाता है, वहीं इस दिन प्रदोष व्रत भी किया जाता है। यह तिथि प्रत्येक हिंदू मास के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में दो बार आती है। प्रदोष की तिथि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होती है। इस दिन जो भक्त पूरी आस्था और श्रद्ध के साथ शिव-पार्वती की पूजा करते हैं, उन्हें मनचाही मुराद मिलती है और वे शिव-शक्ति की कृपा के भागी बनते हैं। आइए, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि की शुरुआत - 18 अक्टूबर, दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर

त्रयोदशी तिथि की समापन - 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर

प्रदोष व्रत

हिंदू धर्म में आमतौर से सभी व्रत और त्योहार उदया तिथि यानी जिस तिथि में सूर्योदय होता है, उसी तिथि से माने जाते हैं। हालांकि, प्रदोष व्रत समेत कई विशेष पूजा के लिए सूर्योदय से तिथि की गणना नहीं की जाती है। इसके लिए प्रदोष काल और निशा काल मुहूर्त देखा जाता है। प्रदोष व्रत के लिए संध्या बेला (प्रदोष काल) का मुहूर्त देखा जाता है। प्रदोष काल में महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इसलिए कार्तिक कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 18 अक्टूबर को किया जाएगा।


प्रदोष व्रत पर शिववास योग

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शिववास योग का संयोग बन रहा है। शिववास योग में भगवान शिव कैलाश पर नंदी की सवारी करेंगे। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की मनचाही मुराद पूरी होगी। साथ ही, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 48 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजे से लेकर 02 बजकर 46 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 48 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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