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Karwa Chauth 2025: व्रत में ये गलतियां करने से बचें, खराब हो सकता है पूरे दिन का व्रत

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ के व्रत का हिंदू धर्म में सुहागन महिलाओं के बहुत महत्व माना जाता है। इस व्रत को करते समय बहुत सावधनी बरतने की जरूरत होती है। यहां हम ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं, जिनका पालन नहीं करने पर आपका व्रत टूट सकता है।

अपडेटेड Sep 26, 2025 पर 6:45 PM
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करवा चौथ का व्रत शाम को चंद्रा का दर्शन करने और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही पारण किया जाता है।

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ये व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। विवाहित स्त्रियां ये व्रत सुखी और लंबे दांपत्य जीवन के लिए करती हैं। पत्नियां इसमें पति की लंबी उम्र के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत करती हैं। शाम को चंद्रा का दर्शन करने और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही इस व्रत का पारण किया जाता है। पति अपने हाथ से पत्नियों को पानी पिलाकर और मीठा खिलाकर व्रत खोलते हैं।

इस व्रत का बहुत महत्व है और इसे विवाहित महिलाएं और अविवाहित कन्याएं दोनों करती हैं। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए करती हैं। वहीं अविवाहित लड़कियां महचाहा वर पाने के लिए इस व्रत को करती हैं। इस व्रत को सास और बहू के बीच मधुर संबंधों की नींव के तौर पर भी जाना जाता है। इसमें महिलाएं व्रत करने वाली अपनी बहू को व्रत शुरू करने से पहले सरगी देती हैं। इसमें सास की तरफ से बहू को खाने-पीने की चीजें, सुहाग का सामन और ज्वेलरी आदि अपनी इच्छा से कुछ भी दे सकती हैं।

न करें ये 7 गलतियां


इस व्रत की बहुत मान्यता है। इसलिए इसके कुछ बहुत सख्त नियम हैं, जिन्हें न मानने पर पूरे दिन का व्रत खराब हो सकता है। आप भी इनके बारे में जान लीजिए

न करें ये काम - करवाचौथ के दिन सुई, कैंची, चाकू जैसी धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्रत का फल कम होता है।

दिन में सोना - शास्त्रों के अनुसार, व्रत में दिन के समय सोना वर्जित माना गया है, क्योंकि ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है। व्रत के दौरान शरीर और मन को भगवान के प्रति समर्पित रखना चाहिए।

चांद निकलने से पहले व्रत खोलना - करवाचौथ का व्रत चांद को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा माना जाता है। अगर आप किसी भी वजह से चांद निकलने से पहले व्रत खोल लेती हैं, तो व्रत का कोई फल नहीं मिलता।

अनाज का सेवन - करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से पहले सरगी खाने के बाद शुरू होता है और चांद निकलने के बाद ही खोला जाता है। गलती से भी इस व्रत में जल या भोजन का सेवन करने पर व्रत खंडित हो जाता है।

सुहाग की सामग्री दान करना - करवाचौथ पर सुहागिन महिलाओं को सुहाग की सामग्री का दान करना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन गलती से अपनी सुहाग की सामग्री का दान न करें।

किसी का अपमान करना - यह व्रत प्यार और समर्पण का प्रतीक है। ऐसे में इस दिन अपने जीवनसाथी या घर के किसी भी बड़े-बुजुर्ग का अपमान करने और क्रोध, अपशब्द और लड़ाई-झगड़ा करने से भी बचना चाहिए।

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