Karwa Chauth 2025: सुहागिन महिलाओं द्वारा किए जाने वाले मुख्य व्रतों में से एक करवा चौथ भी है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला उपवास करती हैं। हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष स्थान है। माना जाता है कि जो कुंवारी कन्याएं इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करती हैं, उन्हें करवा माता का आशीर्वाद मिलता है और योग्य वर से उनका विवाह होता है।
यह व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन किया जाता है। इसे करक चौथ भी कहा जाता है। इस साल ये व्रत 10 अक्टूबर के दिन किया जाएगा। इस दिन महिलाएं सूर्योदय के साथ निर्जला उपवास करेंगी और रात में चंद्रमा के उदय होने पर उन्हें अर्घ्य देंगी। इसके बाद वे पति के हाथ से कुछ मीठा खाकर और पानी पीकर उपवास खोलेंगी। आइए जानें इसके बारें में न्यूज 18 को देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने क्या बताया ?
चतुर्थी तिथि और चंद्रोदय का समय
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 09 अक्टूबर की रात 10.54 बजे होगी। इसका समापन अगले दिन यानी 10 अक्टूबर की रात 11.23 बजे होगा। उदया तिथि और चंद्रोदय के समय को देखते हुए करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को ही रखा जाएगा।
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलती हैं। इस साल चंद्रोदय रात 7.58 बजे होगा। इसके बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देंगी और पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलेंगी।
इस साल करवा चौथ के दिन कई शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। पंडित मुद्गल के अनुसार इस दिन रोहिणी नक्षत्र लग रहा है, जो चंद्रमा का प्रिय नक्षत्र है। इसके साथ-साथ अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेंगे। इसके अलावा, इसी दिन संकष्टी चतुर्थी भी पड़ रही है। जो इस व्रत के महत्व को और भी बढ़ा देती है।
करवा चौथ की तिथि और महत्व
पंडित मुद्गल ने बताया कि इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस निर्जला व्रत में करवा माता की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।