Karwa Chauth 2025: करवा चौथ की रात न दिखे चंद्रमा तो करें ये उपाय, इस दिन रखा जाएगा व्रत और जानें चंद्रोदय का समय

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ के व्रत का भारत में शादीशुदा महिलाओं के लिए विशेष महत्व है। ये व्रत पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस साल ये व्रत 10 अक्टूबर के दिन किया जाएगा। आइए जानें इसका सही समय और चंद्रमा न दिखे तो क्या कर सकते हैं उपाय

अपडेटेड Sep 11, 2025 पर 1:29 PM
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इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर के दिन रखा जाएगा।

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष स्थान रखता है। महिलाएं ये व्रत अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। कई जगह इस व्रत को अविवाहित लड़कियां अच्छे वर का आशीर्वाद पाने के लिए करती हैं। यह व्रत सूर्योदय के साथ शुरू होता है और चंद्रोदय के बाद इसका पारण किया जाता है। करवा चौथ व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है।

इस व्रत में सरगी का विशेष महत्व है और माना जाता है इसके बिना किया गया व्रत अधूरा होता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पारण करती हैं। करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत मायने रखता है। लेकिन मौसम खराब होने पर अगर चंद्रमा नजर नहीं आ रहा है, तो क्या उपाय कर सकते हैं? आइए जानें

इस दिन किया जाएगा करवा चौथ का व्रत

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 9 अक्टूबर को रात 10.54 बजे से लग रही है और ये 10 अक्टूबर को शाम 07.38 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदिया तिथि के मुताबिक करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को किया जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

10 अक्टूबर को शाम 5.57 बजे से शाम 7.11 बजे तक है। करवा चौथ की पूजा करने के लिए करीब 1.14 घंटे का समय मिलेगा।


चंद्रोदय का समय : रात 8.13 बजे

करवाचौथ पर चंद्र दर्शन न होने पर करें ये उपाय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ के व्रत का पारण चंद्रोदय पर उन्हें अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। मगर, कई बार मौसम खराब होने की वजह से चंद्रमा को देखना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में कुछ शास्त्र सम्मत उपाय अपना कर ये व्रत खोला जा सकता है। करवाचौथ पर अगर किसी कारणवश चांद के दर्शन न हो सकें तो इन उपायों की मदद से आप व्रत खोल सकती हैं।

  • परिवार के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने के बाद अपना व्रत तोड़ें।
  • चांद के दर्शन नहीं होने पर थाली में चावल लेकर उसे चांद का आकार देकर अर्घ्य दे सकते हैं।
  • पति के हाथों से जल ग्रहण करके करवाचौथ व्रत का पारण करें और अगले करवा चौथ पर चंद्र दर्शन करने का संकल्प लें।

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First Published: Sep 11, 2025 12:48 PM

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