Karwa Chauth 2025: करवा चौथ को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष स्थान रखता है। महिलाएं ये व्रत अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। कई जगह इस व्रत को अविवाहित लड़कियां अच्छे वर का आशीर्वाद पाने के लिए करती हैं। यह व्रत सूर्योदय के साथ शुरू होता है और चंद्रोदय के बाद इसका पारण किया जाता है। करवा चौथ व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है।
इस व्रत में सरगी का विशेष महत्व है और माना जाता है इसके बिना किया गया व्रत अधूरा होता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पारण करती हैं। करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत मायने रखता है। लेकिन मौसम खराब होने पर अगर चंद्रमा नजर नहीं आ रहा है, तो क्या उपाय कर सकते हैं? आइए जानें
इस दिन किया जाएगा करवा चौथ का व्रत
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 9 अक्टूबर को रात 10.54 बजे से लग रही है और ये 10 अक्टूबर को शाम 07.38 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदिया तिथि के मुताबिक करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को किया जाएगा।
चंद्रोदय का समय : रात 8.13 बजे
करवाचौथ पर चंद्र दर्शन न होने पर करें ये उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ के व्रत का पारण चंद्रोदय पर उन्हें अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। मगर, कई बार मौसम खराब होने की वजह से चंद्रमा को देखना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में कुछ शास्त्र सम्मत उपाय अपना कर ये व्रत खोला जा सकता है। करवाचौथ पर अगर किसी कारणवश चांद के दर्शन न हो सकें तो इन उपायों की मदद से आप व्रत खोल सकती हैं।