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Karwa chauth moon Timing: चंद्रमा को अर्घ्य देने का जान लें सही समय, हर सुहागन को जानने चाहिए करवा चौथ व्रत के ये नियम

Karwa chauth moon Timing: हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कमाना करती हैं और निर्जल व्रत करती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। आइए जानें इस साल कितने बजे निकलेगा चांद

अपडेटेड Oct 01, 2025 पर 4:58 PM
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करवा चौथ का व्रत निर्जला किया जाता है। मान्यता है कि करवा चौथ व्रत पानी पीने से खंडित हो जाता है।

Karwa chauth moon Timing: करवा चौथ का व्रत शादीशुदा महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत करती हैं और शाम को चंद्रमा के उदय होने के बाद उन्हें अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य देने के बाद ही वे अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस साल ये व्रत 10 अक्टूबर को किया जाएगा।

करवा चौथ के व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, करवा माता और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस व्रत में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। एक तो व्रत शुरू करने से पहले सास की ओर से दी जाने वाली सरगी का बहुत महत्व होता है। ये सरगी खाने के बाद व्रत की शुरुआत होती है। इसके अलावा, ये व्रत निर्जला होता है। करवा चौथ का निर्जला उपवास सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक रहता है। चंद्रोदय के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण होता है। इसलिए इस व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देना भी बहुत जरूरी नियम है। करवा चौथ व्रत शाम को चंद्र दर्शन व पूजन के बाद ही पूरा माना जाता है।

10 अक्टूबर को होगा करवा चौथ का व्रत

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे तक रहेगी। उदया तिथि को देखते हुए इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा।

पूजा का मुहूर्त : हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 05.57 बजे से रात 07.11 बजे तक रहेगा।

चंद्रोदय का समय : करवा चौथ का चांद रात 08.13 बजे नजर आएगा। हालांकि अलग-अलग जगहों पर करवा चौथ का चांद दिखने का समय भी अलग हो सकता है।


करवा चौथ व्रत नियम

  • करवा चौथ का व्रत निर्जला किया जाता है। मान्यता है कि करवा चौथ व्रत पानी पीने से खंडित हो जाता है।
  • सरगी इस व्रत की एक खास परंपरा है। ये सास अपनी बहू को देती है और इसे ही खाकर करवा चौथ का व्रत किया जाता है। सरगी के बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है।
  • करवा चौथ के दिन व्रती स्त्रियों को सफेद और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसे अशुभ माना गया है। इस दिन गुलाबी, लाल, पीले रंग पहनने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पति-पत्नी में प्यार और सम्मान बढ़ता है।
  • व्रत के दिन धारदार व नुकीली वस्तुओं जैसे कैंची, सुई व चाकू का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इन चीजों का प्रयोग करने से व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
  • इस दिन व्रत का पारण चंद्रमा के दर्शन करने और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही करना चाहिए। चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना व्रत का पारण करना अशुभ हो सकता है।

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