Kharmas 2025: सूर्य जब बृहस्पति ग्रह की राशि मीन या धनु में प्रवेश करते हैं, तब खरमास लगता है। खरमास का समय लगभग एक महीने यानी 30 दिनों का होता है और इसे शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, जनऊ जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता है। खरमास में सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में धीमी गति से चलता है। इस अवधि में सूर्य की शक्ति कमजोर होती है इसी वजह से यह समय शुभ कार्यों के लिए सही नहीं माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने सूर्य के कमजोर होने से ग्रहों का संतुलन प्रभावित होता है। इसी कारण लोग शादी, नामकरण या कोई नया शुभ काम शुरू करने से बचते हैं, ताकि बाधाएं न आएं। खरमास में मांगलिक कार्य नहीं होते, लेकिन इस अवधि को पूजा-पाठ और दान के लिए अच्छा माना जाता है। इसके अलावा खरमास को बृहस्पति देव की कृपा प्राप्ति के लिए भी खास माना जाता है। इस माह में कुछ खास काम करने से किसमत बदल सकती है।
16 दिसंबर से शुरू, 14 जनवरी को खत्म
सूर्य 16 दिसंबर मंगलवार को 1.24 बजे देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करेंगे। इसी समय से खरमास शुरू हो जाएगा। वहीं, 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा। 15 जनवरी बृहस्पतिवार सुबह 06.05 बजे के बाद से खरमास समाप्त माना जाएगा।
बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए करें केसर का दान
इस माह को बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए भी अच्छा माना जाता है। खरमास में केसर का दान करने से आपके कार्यों में आ रही बाधा दूर हो सकती है। बृहस्पति देव की कृपा के लिए आप खरमास में पीली रंग की चीजों जैसे दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, पीले फल (केला) आदि का भी दान कर सकते हैं।
खरमास में सूर्य देव की कृपा प्राप्ति के लिए आप खरमास में लाल कपड़े, काले चने आदि का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक के लिए धन-वैभव में वृद्धि के योग बनने लगते हैं। खरमास में दान-पुण्य करना काफी उत्तम माना जाता है। इस अवधि में अपनी क्षमता के अनुसार, गरीबों व जरूरतमंद लोगों में अन्न व धन का दान कर सकते हैं।
खरमास में तीर्थ स्थानों की यात्रा करना भी काफी शुभ माना गया है। आप इस अवधि में अपने घर में भगवत गीता या सत्यनारायण की कथा का आयोजन कर सकते हैं। इस दौरान ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को इसमें शामिल करना चाहिए, ताकि अन्य लोग भी इसका लाभ उठा सकें। ऐसा करने से आपके सभी काम बिना किसी अड़चन के पूरे होते हैं।
खरमास में धार्मिक व मांगलिक कार्य जैसे वैवाहिक कार्यक्रम, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि किए जाते। साथ ही इस अवधि में नया वाहन, घर या प्रॉपर्टी खरीदना या फिर नए काम की शुरुआत करने से भी बचना चाहिए। माना जाता है कि इससे शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होता।