Kharmas 2025 date: हिंदू धर्म में मांगलिक कार्य करने से पहले तिथि और मुहूर्त के साथ ही काल और ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी देखी जाती है। साल में कुछ समय ऐसे होते हैं, जब मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक रहती है। शादी-विवाह से लेकर गृह प्रवेश तक के सभी मुहूर्त अस्थायी रूप से रुक जाते हैं। इसे खरमास कहते हैं और यह साल में दो बार होता है। नए साल यानी 2026 में जनवरी में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तब मकर संक्रांति के बाद से फिर मांगलिक और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं।
साल में दो बार लगता है खरमास
ज्योति शास्त्र की गणना के अनुसार वर्ष में दो बार खरमास लगता है। सूर्य हर माह एक-एक राशि में भ्रमण करते हैं। जब वह गुरु ग्रह की धनु राशि और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो एक माह के लिए खरमास लगता है। धनु राशि में प्रवेश करने पर धनु खरमास, दिसंबर में लगता है और मीन राशि में प्रवेश करने पर मार्च में खरमास लगता है। खरमास पूरे एक महीने तक चलता है। पौष के महीने में लगने वाले खरमास में मांगलिक कार्य बंद होंगे, लेकिन सूर्य की उपासना की जा सकती है।
इस दिन से लग जाएगा पौष खरमास
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुदगल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुदगल ने लोकल 18 को बताया कि सनातन धर्म में शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य ग्रह नक्षत्र देखकर ही किया जाता है ताकि शुभ विवाह पर सकरात्मक प्रभाव पड़े। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो माना जाता है सूर्य अस्त हो जाता है और मांगलिक कार्य में सूर्य या शुक्र अस्त हो जाये तो नहीं करना चाहिये। लेकिन जैसे ही एक महीने बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा तो फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएगा।
खरमास में नहीं करें ये काम