Margashirsha Amavasya 2025: आज शाम को इन जगहों पर जलाएं तिल के तेल का दीपक, शांत होंगे ग्रह और पितृ दोष

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को पितृ दोष और ग्रह दोष शांति के लिए बेहद अहम माना जाता है। इस दिन स्नान-दान और पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन कुछ प्रमुख जगहों पर तिल के तेल का दीपक जलाना बहुत शुभ फल देने वाला होता है।

अपडेटेड Nov 20, 2025 पर 12:04 PM
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन कुछ प्रमुख जगहों पर तिल के तेल का दीपक जरूर जलाना चाहिए।

Margashirsha Amavasya 2025: आज स्नान-दान और व्रत की मार्गशीर्ष अमावस्या है। हिंदू धर्म में इस तिथि का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही शनि देव और अपने पितरों की पूजा करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। इस अमावस्या को ग्रह दोष और पितृ दोष शांति के उपाय करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन कुछ प्रमुख जगहों पर तिल के तेल का दीपक जरूर जलाना चाहिए। तिल के तेल को शनि देव से जुड़ा माना गया है और आज के दिन तिल के तेल का दीपक जलाने शनि दोष से भी राहत मिलती है। इसके अलावा, ऐसा करने से सभी तरह के ग्रह दोष, पितृ दोष और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है।

तिल के तेल का दीपक जलाने का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन तिल के तेल का दीपक जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वो अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा ये दीपक आपके आसपास से नकारात्मक शक्तियों को भी दूर करता है और इससे शनि देव की भी कृपा प्राप्त होती है। कुंडली में शनि मजबूत होते हैं और साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभाव कम होते हैं।

आज के दिन जलाएं 11 दीपक

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन प्रमुख जगहों पर तिल के तेल के 11 दीपक जलाना शुभ होता है। ये दीपक जातक के जीवन में सुख, समृद्ध और शांति का संचार करते हैं।

इन जगहों पर आज जरूर जलाएं दीपक


भगवान शिव के सामने : आज मार्गशीर्ष अमावस्या के अवसर पर तिल के तेल का एक दीपक भगवान शिव के सामने जरूर जलाना चाहिए।

शनि का दीपक : आज दिन शनि देव के नाम से एक दीपक जरूर जलाना चाहिए। यह दीपक जलाने से शनि दोष, साढ़े साती या ढैय्या के प्रभा व कम हो ते हैं।

पितरें की आत्मा की शांति के लिए : पितरों की शांति के लिए मार्गशीर्ष मास की अमावस्या के दिन दीपक जलाने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है।

घर के मुख्य द्वार पर : घर के मुख्य द्वार पर अमावस्या की शाम को दीपक जरूर जलाना चाहिए। यह दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती और सकारात्मकता का वास होता है।

पीपल के पेड़ के नीचे : पीपल में पितरों और देवताओं दोनों का वास होता है, इसलिए आज तिल के तेल का एक दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जरूर जलाना चाहिए।

घर की छत पर जरूर जलाएं दीपक : घर की छत का संबंध राहु-केतु से होता है। इसलिए अमावस्या के दिन घर की छत पर तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। यहां दीपक जलाने से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।

इस जगहों पर भी रखें दीपक : ऊपर बताए स्थानों के अलावा रसोई घर, तुलसी के पास, पूजा स्थान या आंगन में भी तिल के तेल का दीपक रखना चाहिए।

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