Mokshada Ekadashi 2025 date: 30 नवंबर या 1 दिसंबर किस दिन होगी मोक्षदा एकादशी? व्रत करने से सात पीढ़ियों को मिलती है मुक्ति

Mokshada Ekadashi 2025 date: मोक्षदा एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन किया जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने द्वापर युग में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। आइए जानें इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत किस दिन किया जाएगा और इसकी पूजा विधि

अपडेटेड Nov 21, 2025 पर 7:00 AM
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इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

Mokshada Ekadashi 2025 date: मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सात पीढ़ियों के पूर्वजों को भी व्रत का फल मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन गीता जयंति भी मनाई जाती है। इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 01 दिसंबर के दिन किया जाएगा। हिंदू पंचांग में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों में मोक्षदा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि बताया गया है।

मोक्षदा एकादशी व्रत तिथि

पंचांग के अनुसार, इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर, सोमवार को रखा जाएगा। एकादशी तिथि का प्रारंभ 30 नवंबर 2025 रविवार को रात 9:29 बजे होगा और ये 1 दिसंबर 2025 सोमवार, शाम 7:01 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर 2025 को ही रखा जाएगा। मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण प्रातःकाल के उपरांत, द्वादशी तिथि में करना चाहिए।

व्रत की विधि

  • एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा घर में भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • उन्हें गंगाजल, पीले फूल, तुलसी दल, धूप, दीप और नैवेद्य (भोग) अर्पित करें।
  • ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
  • इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना और उसका दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
  • पारण वाले दिन, यानी द्वादशी को शुभ मुहूर्त में ब्राह्मणों को भोजन कराएं या दान दें।
  • इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करके व्रत का पारण करें।


मोक्षदा एकादशी का महत्व

‘मोक्षदा’ नाम का अर्थ है ‘मोक्ष प्रदान करने वाली’। इस एकादशी के व्रत और पूजन से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है। मान्यता है कि विधि-विधान से ये व्रत करने वाले भक्त की सात पीढ़ियों के पूर्वजों को नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत कथा सुनने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। इसी शुभ तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन गीता का पाठ करना बहुत ही फलदायी माना जाता है।

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