Navratri 2025 day 7 Maa Kalratri: शारदीय नवरात्र का पावन पर्व चल रहा है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इन्ही में से एक रूप है मां कालरात्रि का, जिनकी पूजा नवरात्र के सातवें दिन करने का विधान है। मां कालरात्रि आत्मविश्वास, साहस और शक्ति की देवी हैं। इनकी पूजा करने से शत्रु और भय पर विजय मिलती है। माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में मां भगवती धरती पर आती हैं और पूरे नौ दिन तक अपने भक्तों के बीच रहती हैं और आशीर्वाद देती हैं।
मां कालरात्रि के चार हाथ और तीन नेत्र हैं। इनका शरीर अंधेरे के समान काला है। इनके बाल खुले और बिखरे हुए हैं। मां कालरात्रि के एक हाथ में खड्ग (तलवार), दूसरे में लौह शस्त्र, तीसरा हाथ वरमुद्रा और चौथा हाथ अभय मुद्रा में है। माता के गले में पड़ी माला बिजली की तरह चमकती है और इनकी सांस से आग निकलती है।
मां कालरात्रि की पूजा के लाभ
मां कालरात्रि की सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों को अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता। मां काल से अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। इनके नाम के उच्चारण मात्र से ही भूत, प्रेत, राक्षस और सभी नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करती हैं और ग्रह-बाधाओं को भी दूर करती हैं। सभी व्याधियों और शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए मां कालरात्रि की आराधना विशेष फलदायी होती है।
मां कालरात्रि को जरूर लगाएं यह भोग
माना जाता है कि मां कालरात्रि को गुड़ का भोग बहुत पसंद है। नवरात्रि में सप्तमी तिथि की पूजा के समय मां कालरात्रि को गुड़, गुड़ की खीर या गुड़ से बनी चीज का भोग लगाने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।