November Panchak 2025 Date: पंचक पांच दिनों का होता है और इसमें शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इसे सबसे अशुभ समय के तौर पर जाना जाता है। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। नवंबर की शुरुआत में एक बार पंचक लग चुका है। पंचांग के अनुसार, इसी माह के अंत में एक बार फिर पंचक लगेगा। बता दें पांच दिनों के विशेष नक्षत्र संयोग को पंचक कहते हैं। इस अवधि को शुभ और अशुभ कार्यों के लिए देखा जाता है। आइए जानें क्या है पंचक और ये नवंबर में कब से लग रहा है।
चंद्रमा जब कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करता है, तो पंचक का प्रभाव होता है। आमतौर पर इसे पांच महत्वपूर्ण नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, और रेवती में चंद्रमा के गोचर का समय माना जा सकता है।
पंचक अशुभ क्यों माना जाता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पंचक में किए गए शुभ काम का परिणाम नहीं मिलता है और उस काम को पांच बार करना पड़ता है। हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु के समय में भी पंचक देखा जाता है।
पंचांग के अनुसार, नवंबर महीने के अंत में गुरुवार 27 तारीख को दूसरी बार दोपहर 02:07 बजे पंचक काल शुरू होगा। यह अगले महीने दिसंबर की 01 तारीख को रात को 11:18 बजे खत्म होगा। वहीं, दिसंबर माह में 24 तारीख की शाम को 07:46 बजे पंचक की शुरुआत होगी और इसी महीने की 29 तारीख की सुबह 07:41 बजे यह समाप्त होगा।
पंचक में किये जा सकते हैं ये काम
हिंदू मान्यता के अनुसार, पंचक में स्नान-दान, पूजा-पाठ, जप-तप, हवन, आदि की मनाही नहीं है। ऐसे में पुण्यफल की प्राप्ति के लिए ये सभी कार्य आप अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार यदि पंचक में पूर्णिमा, प्रदोष व्रत या एकादशी व्रत पड़ जाए तो उसकी पूजा-पाठ में किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगता है।
पंचक में भूलकर भी न करें ये 5 काम
हिंदू मान्यता के अनुसार यदि पंचक में किसी के यहां मृत्यु हो जाए तो उसे पंचक की शांति करवाना चाहिए अन्यथा उस घर से जुड़े लोगों को पांच तरह के रोग, शोक, हानि या फिर कष्ट मिलने की आशंका बनी रहती है।