Onam 2025: ओणम दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे केरल और तमिल नाडु में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। ये पर्व 10 दिनों तक चलता है, जिसमें थिरुवोणम का विशेष स्थान होता है। आज 10 दिनों के इस पर्व का सबसे अहम त्योहार थिरुवोणम है। हालांकि, ओणम इसके बाद भी 2 दिनों तक पूरे राज्य में मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान पूरे राज्य में फूलों की सजावट देखते ही बनती है। लोगों के घर पारंपरिक रंगोली से सजे होते हैं और हवा में पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू तैर रही होती है।
ओणम का त्योहार मलयाली कैलेंडर के पहले महीने चिंगम में मनाया जाता है। इसका 10वां सबसे खास होता है, जब थिरुवोणम मनाया जाता है। इस दिन श्रवण नक्षत्र में पूजा की जाती है और पारंपरिक सध्या भोज बनाया जाता है। ओणम के पर्व को नई फसल के पकने की खुशी में मनाया जाता है। इसके साथ ही इसका पौराणिक जुड़ा महादावीर राजा बलि से भी है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार ओणम पर्व के 10वें दिन राजा बलि अपने राज्य में अपनी प्रजा को देखने आते हैं। इसलिए इस मौके पर भगवान विष्णु और राजा बलि की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
ओणम को खास बनाते हैं ये आयोजन
इस पर्व के दौरान यहां पारंपरिक फूलों की सजावट पुक्कलम देखने को मिलती है। साथ ही, पारंपरिक भोजन ओणसद्या, नौका दौड़, कथकली नृत्य और लोक गीतों जैसे आयोजनों की राज्य में धूम रहती है।
राजा बलि त्रेतायुग के बहुत प्रतापी और दानी राजा थे। उन्होंने अपने पराक्रम के बल पर देवताओं को हराकर स्वर्ग पर विजय प्राप्त कर ली थी। राक्षस कुल में जन्म लेने के बावजूद वह भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे। देवा जब स्वर्ग से बाहर कर दिए गए, तो वे सभी भगवान विष्णु से मदद मांगने पहुंचे। तब भगवान विष्णु से वामन अवतार यानी एक छोटे कद के ब्राह्मण के रूप में राजा बलि के राज्य में आए। यहां एक यज्ञ में पहुंचकर उन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी, जिसके लिए वह खुशी-खुशी तैयार हो गए।
इसके बाद भगवान विष्णु अपने विराट रूप में आ गए और पहले पग में उन्होंने पूरी धरती को नाप लिया, जबकि दूसरे पग में स्वर्ग को नाव लिया। इसके बाद जब कहीं पैर रखने की जगह नहीं बची तो राजा बलि से अपना सिर आगे कर दिया। उनके सिर पर पैर रखने के बाद भगवान विष्णु ने उन्हें पाताल लोक भेज दिया। लेकिन वह राजा बलि की भक्ति भावना से बहुत प्रसन्न हुए, इसलिए उन्हें पाताल लोक का राजा बना दिया। साथ ही उन्हें चिंगम माह में थिरुओणम नक्षत्र लगने पर अपने राज्य में आने की इजाजत भी दे दी।