Anant Chaturdashi 2025 Sutra: अनंत चतुर्दशी का पर्व हर साल भाद्रपद मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल इसे 6 सितंबर, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है और दहिने हाथ की कलाई पर 14 गांठों वाला अनंत सूत्र बांधा जाता है। अनंत सूत्र में लगाई जाने वाली 14 गांठें 14 लोकों का प्रतीक होती हैं, जिन्हें भगवान विष्णु ने आज के दिन बनाया था। भगवान विष्णु ने इन लोकों के संरक्षण और पालन के लिए 14 रूपों में अवतार लिया था।
इस व्रत को करने से भगवान अपने भक्त को सभी कष्टों से मुक्ति देते हैं। वहीं, जो भक्त 14 साल तक लगातार अनंत चतुर्दशी का व्रत करते हैं, उन्हें भगवान मृत्यु के बाद बैकुंठ में स्थान देते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत सूत्र बांधने के बाद इसे अगले दिन नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। इसे बांधने वालों को तन और मन की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें कब से लगेगी चतुर्दशी तिथी और अनंत सूत्र बांधने का सही तरीका क्या है?
इस समय लगेगी चतुर्दशी तिथि
अनंत चतुर्दशी तिथि शुरू : 6 सितंबर, सुबह 3.14 बजे
अनंत चतुर्दशी तिथि खत्म : 7 सितंबर, मध्यरात्रि 1.41 बजे
अनंत सूत्र कच्चे सूत में या कलावा से बना सकते हैं। इसमें भगवान विष्णु के 14 लोकों और अनंत स्वरूप का प्रतीक 14 गांठें लगाएं। इसके बाद इसमें हल्दी, केसर और कुमकुम से रंगकर पूजा में रख दें।
इस तरह बांधें अनंत सूत्र और पढ़ें ये मंत्र
अनंत चतुर्दशी का दिन श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन इनकी पूजा सबसे पहले करनी चाहिए। पूजा के बाद भगवान की आरती जरूर करें। इसके बाद परिवार के सदस्यों की कलाई में अनंत सूत्र बांधें। अनंत सूत्र बांधते समय यहां बताया गया इसका मंत्र जरूर पढ़ें।
अनंत सूत्र बांधने का मंत्र
अनंतसूतं धारयामि अनंतस्य महात्मनः।
अनन्तव्रतधारणेन मम सर्वार्थसिद्धयर्थम्॥