Get App

Paush Amavasya 2025: साल की आखिरी अमावस्या की नोट कर लें सही तारीख, पितृ दोष शांति के लिए जरूर करें तर्पण

Paush Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। इस तिथि को दान और तर्पण के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें पौष माह की अमावस्या सबसे खास स्थान रखती है। इस दिन पितरों के लिए तर्पण करने से पितृ दोष शांत होता है। आइए जानें इस दिन के बारे में

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 13, 2025 पर 7:00 AM
Paush Amavasya 2025: साल की आखिरी अमावस्या की नोट कर लें सही तारीख, पितृ दोष शांति के लिए जरूर करें तर्पण
इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा भी शुभ मानी जाती है।

Paush Amavasya 2025: पौष माह की अमावस्या को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र तिथियों में से एक माना जाता है। ये साल की आखिरी अमावस्या है और इस दिन स्नान, दान और पितृ तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। वैसे तो साल के 12 महीने में 12 अमावस्या तिथियां आती हैं और हर तिथि का अपना अलग महत्व होता है। लेकिन पौष माह की अमावस्या को पितृ शांति के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इस दिन पितरों की पूजा करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसान इस दिन पितृ तर्पण करने से पितृ दोष शांत होता है। इस दिन स्नान के बाद दान करने से पितृ दोष में राहत मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन भगवान सूर्य की भी आराधना करनी चाहिए। इससे शारीरिक और मानसिक कष्ट समाप्त हो जाता है।

अमावस्या तिथि

पंचांग के अनुसार 19 दिसंबर 2025, दिन शुक्रवार को सुबह 04 बजकर 59 मिनट पर पौष अमावस्या की शुरुआत होगी। वहीं, 20 दिसंबर सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन होगा। ऐसे में पंचांग को देखते हुए पौष अमावस्या 19 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी।

क्या करना चाहिए पोष अमावस्या के दिन

पितृ दोष से पीड़ित लोगों को पौष अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध जरूर करना चाहिए। उनके नाम से तिल, वस्त्र, अन्न या पिंड का दान अवश्य करें। ऐसा करने से पितृ दोष से तो छुटकारा मिलेगा ही साथ ही इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा भी शुभ मानी जाती है। ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचने के लिए इस दिन कपड़े और भोजन का दान जरूर करें। इसके अलावा इस दिन खिचड़ी का भंडारा करना भी शुभ माना जाता है।

पौष अमावस्या पूजा विधि

सब समाचार

+ और भी पढ़ें