हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और मंदिर का विशेष महत्व है। सनातन धर्म को मानने वाले हर किसी के घर में छोटा ही सही लेकिन एक पूजा स्थान या मंदिर जरूर होता है। घर में स्थित मंदिर धार्मिक आस्था के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने का स्थान होता है। घर में बने पूजा स्थान में रोज कुछ समय के लिए लोग जरूर जाते हैं। उन्हें विश्वास होता है कि घर में भगवान के आगे सिर झुकाकर काम पर जाने से वो सब अच्छा करेंगे। लेकिन अक्सर लोग अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जो घर में नकारात्मकता बढ़ाने का कारण बनती है। आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं कि मंदिर किस दिशा में बनाना चाहिए, उसमें कौन सी मूर्ति रखना उचित रहेगा या क्या चीजें रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है? इस तरह के कई सवालों के जवाब वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में दिया है। आप भी जानिए
नकारात्मकता बढ़ाती हैं ये चीजें
वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि कई बार अनजाने में घर के पूजा स्थान पर ऐसी चीजें रख दी जाती हैं, जिसका प्रभाव घर और घरवालों के ऊपर अच्छा नहीं पड़ता है। उनका कहना है कि कुछ चीजों कों घर में रखने से पूजा का प्रभाव कम होता है और नकारात्मकता भी बढ़ती है।
फटी-पुरानी तस्वीर या टूट मूर्ति : घर में बने पूजा स्थान पर कभी भी खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। कोई पोस्टर या फिर फटी हुई तस्वीर को भी हटा देना चाहिए, अन्यथा ये घर के वातावरण को खराब करते हैं। उनके अनुसार मंदिर में अपने पितरों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए।
फटे-पुराने धर्मग्रंथ, कथा-आरती संग्रह भी हटाएं : घर के पूजा स्थान पर कोई भी बहुत पुराने या फट गए धर्म ग्रंथ, धार्मिक किताब, फिर आरती चालिसा या कथा संग्रह को भी वहां से हटा देना चाहिए।
घर के मंदिर में न लगाएं गुरु या संत की तस्वीर : प्रमानंद महाराज का कहना है कि घर का मंदिर बहुत पवित्र जगह है, यहां ऐसी चीजें नहीं रखनी चाहिए जिससे घर की ऊर्जा खराब नहीं होनी चाहिए। उनका कहना है कि मंदिर में कभी किसी जीवित गुरु या संत की तस्वीर भी लगाना गलत है। मंदिर में पितरों की तस्वीर भी नहीं होनी चाहिए।