Sawan Somwar 2025: इस शुभ मुहूर्त में करें शिव अभिषेक, पूरी होगी हर मनोकामना

Sawan somwar 2025: आज सावन 2025 का पहला सोमवार है... एक ऐसा दिन, जिसका इंतजार हर शिव भक्त पूरे साल करता है। लेकिन इस बार कुछ खास है। श्रद्धा, भक्ति और आस्था के इस दिन पर अगर आपने एक छोटा सा उपाय कर लिया, तो आपकी किस्मत भी बदल सकती है। जानिए क्या है वो उपाय

अपडेटेड Jul 14, 2025 पर 8:49 AM
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Sawan somwar 2025: यह व्रत खासकर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

आज सावन 2025 का पहला सोमवार है। यह दिन बहुत पवित्र माना जाता है। लोग इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति से मनाते हैं। यह सिर्फ पूजा का दिन नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा से जुड़ा हुआ है। सावन का सोमवार भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन शिव जी की पूजा करने से मन को शांति मिलती है। कई लोग व्रत रखते हैं और मंदिर जाकर जलाभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन में सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। यह दिन खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जो जीवन में परेशान हैं। शिव भक्ति से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

सावन के सोमवार को देशभर में एक खास उल्लास देखने को मिलता है। मंदिरों में लंबी कतारें लगती हैं। भक्त शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाते हैं। इस दिन का हर पल शिव आराधना में डूबा रहता है।

क्यों खास होता है सावन का सोमवार?


सोमवार भगवान शिव का प्रिय दिन माना गया है। खासकर सावन के महीने में इस दिन शिव जी की पूजा करने से कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और विधिपूर्वक व्रत रखते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, वैवाहिक विलंब, आर्थिक तंगी या मानसिक अशांति से गुजर रहे हों।

व्रत के लाभ

सावन सोमवार का व्रत करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। यह व्रत विवाह की बाधाओं को दूर करता है और मनचाहा जीवनसाथी मिलने में मदद करता है। साथ ही यह रोगों से मुक्ति और मानसिक संतुलन के लिए भी लाभकारी माना गया है।

पूजन का शुभ मुहूर्त

इस दिन शिव पूजा पूरे दिन की जा सकती है, लेकिन कुछ खास समय को श्रेष्ठ माना गया है:

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:15 बजे से 5:00 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:50 तक

इन समयों में जलाभिषेक करना सबसे फलदायक माना गया है।

सावन सोमवार व्रत और पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।

घर में शिवलिंग स्थापित करें या मंदिर जाकर दर्शन करें।

शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से करें।

बेलपत्र, आक-धतूरा और सफेद पुष्प चढ़ाएं।

“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप करें।

दिनभर फलाहार करें और शाम को शिव आरती करें।

रात्रि में दोबारा मंत्रों का जाप करें।

अगले दिन अन्न और वस्त्र का दान करके व्रत का समापन करें।

पूजा का धार्मिक महत्व

यह व्रत खासकर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अविवाहित कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। वहीं विवाहित महिलाएं अपने दांपत्य जीवन की खुशहाली और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही यह व्रत जीवन में चल रही बाधाओं, रोगों और दरिद्रता को दूर करने वाला माना गया है।

पहले सोमवार पर करें ये उपाय

अगर आप चाहते हैं कि भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हों, तो कुछ सरल उपाय भी कर सकते हैं:

प्रदोष काल में शिवलिंग पर शांत भाव से जल अर्पित करें।

बेलपत्र, आक-धतूरा और सफेद फूल चढ़ाएं।

शिव मंदिर में एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं।

शिवलिंग की कम से कम 7 बार परिक्रमा करें।

हर परिक्रमा पर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र जप करें।

अंत में शांत मन से शिव जी के चरणों में बैठकर अपनी मनोकामना कहें।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सामग्री जानकारी मात्र है। हम इसकी सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता का दावा नहीं करते। कृपया किसी भी कार्रवाई से पहले विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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