Sharad Purnima 2025: अश्विन पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन की पूर्णिमा को पूरे साल की सबसे खूबसूरत पूर्णिमा माना जाता है। कहते हैं इस दिन चांद अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और धरती के सबसे निकट होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था और वो शरद पूर्णिमा की रात को धरती पर अपने भक्तों के बीच आती है। एक अन्य मान्यता के अनुसार इस रात चंद्रमा से अमृत की बरसात होती है। इस दिन दूध और चावल की खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रात को रखते हैं। कहते हैं, चंद्रमा से अमृत बरसता है, तो खीर भी अमृत हो जाती है। इस खीर को सूर्योदय से पूर्व खाने से निरोगी रहने का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन चंद्र देवता की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इस साल शरद पूर्णिमा की तिथि को लेकर कुछ कन्फ्यूजन है। तो आइए जानतें हैं चंद्रमा को अर्घ्य किस दिन दिया जाएगा और स्नान दान की पूर्णिमा किस दिन की जाएगी।