Surya Grahan 2025: सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण, इस दौरान बरतें ये सावधानियां

Surya Grahan 2025: साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के साथ लग रहा है। यह दुर्लभ संयोग खगोलीय और ज्योतिषीय नजरिए से अहम है। ये भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन ज्योतिष विशेषज्ञ इस दौरान कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे हैं। आइए जानें इनके बारे में

अपडेटेड Sep 13, 2025 पर 8:00 AM
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सर्वपितृ अमावस्या के साथ लग रहा है सूर्य ग्रहण

Surya Grahan 2025: सितंबर का महीना कई बड़ी और दुर्लभ ज्योतिषीय और खगोलीय घटना का गवाह है। आने वाले दिनों में सर्वपितृ अमावस्या पर आंशिक सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितृ पक्ष का समापन होता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन हमारे पूर्वज धरती लोक से विदा हो जाते हैं। सर्वपितृ अमावस्या के दिन अपने पितरों का श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशर्वाद देते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर को मनाई जाएगी।

इससे पहले पितृ पक्ष की शुरुआत पूर्ण चंद्र ग्रहण के साथ हुई थी। 7 सितंबर को भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को चंद्र ग्रहण लगा था और इसके ठीक 15 दिन बाद ये साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। इस सूर्य ग्रहण का समय ऐसा है कि इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी।

कब है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण?

ज्योतिष गणना के अनुसार, साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण देर रात 10.59 बजे पर शुरू होगा। वहीं, इसका समापन तड़के 03.23 बजे होगा।

भारत में सूतक काल मान्य नहीं

सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। चूंकि ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगने वाला ये सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, दक्षिण प्रशांत महासागर और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों में नजर आएगा।


ग्रहण के बाद करें ये काम

  • सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर मंदिर और घर की साफ-सफाई करें।
  • सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव दूर करने के लिए घर और बाहर गंगाजल का छिड़काव करें
  • देवी-देवता की पूजा करें।
  • जरूरतमंदों को दान करें।

अशुभ प्रभाव होगा दूर

सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद सुबह स्नान करें। इसके बाद पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें। दीपक जलाकर परिक्रमा लगाएं। ऐसा करने से साधक को शुभ फल मिलता है।

ग्रहण के दौन कर सकते हैं सूर्य पूजन मंत्र का जाप

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नमः

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।

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First Published: Sep 13, 2025 8:00 AM

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