Grahan 2026: नवंबर का महीना शुरू होने के साथ ही वर्तमान साल 2025 का काउंटडाउन शुरू हो गया है। लोगों में अब नए साल 2026 के लिए उत्सुकता बढ़ रही है। नए साल में कौन-कौन से त्योहार किस दिन आएंगे और ग्रहण किस दिन होंगे? पहला ग्रहण कब और कौन सा होगा? भारत में नजर आएगा या नहीं? दरसल भारत में ग्रहण का खगोलीय महत्व होने के साथ ही धार्मिक महत्व भी है। भारत में ग्रहण नजर आने पर सूतक काल का विचार किया जाता है। इस दौरान मंदिरों के द्वार बंद रहते हैं और पूजा पाठ नहीं होता। इसके अलावा, ग्रहण काल में कोई शुभ कार्य भी नहीं किया जाता है। तो आइए जानते हैं साल 2026 का पहला ग्रहण कौन सा होगा, कब होगा और भारत में नजर आएगा भी या नहीं?
सूर्य या चंद्र ग्रहण : सबसे पहले होगा कौन सा ग्रहण?
साल 2026 में सबसे पहले सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण मंगलवार, 17 फरवरी को लगेगा। यह एक कंकण सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा। इसे जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया, मोजम्बीक, मॉरीशस, अंटार्कटिका सहित तन्जानिया और दक्षिण अमेरिकी देशों में देखा जा सकेगा। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त, 2026 को लगेगा। श्रावण मास की हरियाली अमावस्या को यह ग्रहण लगेगा और ये भी भारत में नहीं दिखेगा। यह उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप आर्कटिक, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, स्पेन में दिखाई देगा।
होलिका दहन पर होगा 2026 का पहला चंद्र ग्रहण
2026 में दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। साथ ही, अगले साल दुर्लभ फुल ब्लड मून फिर से देखने को मिलेगा। 2026 साल का पहला ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा, जो फरवरी में नजर आएगा। वहीं, साल का पहला चन्द्र ग्रहण मार्च में होलिका दहन के दिन लगेगा।
बता दें, पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा मंगलवार 3 मार्च 2026 को लगेगा। यह खण्डग्रास चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण शाम 6 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगा। इसकी अवधि करीब 20 मिनट 28 सेकंड की होगी।
भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
यह ग्रहण भारत के साथ-साथ एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका जैसे कई देशों में दिखाई देगा। भारत में ग्रहण नजर आने की वजह से इसका सूतक काल भी मान्य होगा। सूतक सुबह 9 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
28 अगस्त को होगा दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण शुक्रवार 28 अगस्त 2026 को लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन भारत में यह नजर नहीं आएगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।
ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं?