भारत अपने लंबे इतिहास, विविध संस्कृति और खूबसूरत इमारतों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। इन जगहों को देखने के लिए हर साल लाखों लोग भारत आते हैं। भारत में कई प्राचीन धरोहरें हैं, जो भारतीय वास्तुकला की खास पहचान दिखाती हैं। इन्हें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इनमें से कई स्थानों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया है, जिससे उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अहमियत और बढ़ जाती है। आइए जानते हैं पांच ऐसे फेमस स्थलों के बारे में जो अपनी अनोखी और शानदार बनावट के लिए जाने जाते हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा
ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव प्रथम ने सूर्य देव को समर्पित करते हुए बनवाया था। ये मंदिर एक शानदार रथ की तरह बनाया गया है, जिसमें 24 बड़े पहिए और सात घोड़े दिखाए गए हैं। मंदिर का मुख्य द्वार सुबह की पहली सूरज की किरणों से चमक उठता है। इसकी दीवारों पर बेहद बारीक नक्काशियां हैं, जो जीवन के कई पहलुओं को खूबसूरती से दर्शाती हैं।
गुजरात के पाटन में बनी रानी की वाव सिर्फ एक बावड़ी नहीं, बल्कि मंदिर जैसी सुंदर संरचना है। इसे रानी उदयमती ने 11वीं शताब्दी में राजा भीमदेव प्रथम की याद में बनवाया था। सरस्वती नदी की बाढ़ से आई मिट्टी ने इसे कई सालों तक सुरक्षित रखा। इसकी दीवारों पर देवी-देवताओं, अप्सराओं और नागों की बेहद खूबसूरत और बारीक मूर्तियां बनी हैं, जो उस समय की समझदार जल व्यवस्था भी दिखाती हैं।
दिल्ली का हुमायूं का मकबरा सिर्फ एक समाधि नहीं, बल्कि वह स्मारक है जिसने भारत में मुगल वास्तुकला की शुरुआत की। इसे हुमायूं की पत्नी हमीदा बानो बेगम ने 1570 में बनवाया था। चारबाग शैली में बना यह देश का पहला बाग-मकबरा माना जाता है। लाल पत्थर और सफेद संगमरमर से बनी इसकी सुंदर बनावट, नजाकत और शांत वातावरण हर आगंतुक को प्रभावित करता है।
कर्नाटक का हम्पी कभी विजयनगर साम्राज्य की समृद्ध राजधानी था, लेकिन आज ये जगह अपने विशाल खंडहरों के लिए जाना जाता है। तुंगभद्रा नदी के किनारे बसे इस इलाके में कई मंदिर, महल, पुराने बाजार और अन्य ऐतिहासिक जगहें हैं, जो इसके पुराने शानदार इतिहास की झलक दिखाती हैं। यहां की अनोखी चट्टानें और सुंदर प्राकृतिक नजारे इस जगह को और भी खास बना देते हैं।
अजंता की गुफाएं, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित अजंता की गुफाएं प्राचीन भारतीय कला का शानदार नमूना हैं। 29 चट्टानों को काटकर बनाई गई ये बौद्ध गुफाएं दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर लगभग 480 ईस्वी तक बनी थीं। इनकी दीवारों और छतों पर भगवान बुद्ध के जीवन और जातक कथाओं से जुड़े सुंदर चित्र बनाए गए हैं, जिन्हें देखकर हर कोई प्रभावित हो जाता है। यह जगह देखने वालों को बहुत ही खास और यादगार अनुभव देती है।