Apple की धमाकेदार ग्रोथ, भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा iPhone मार्केट
Apple की भारत में कहानी तेजी से आगे बढ़ रही है। iPhone की बढ़ती मांग और MacBooks, iPads के तेजी से बढ़ते इकोसिस्टम के चलते आने वाले 3-4 सालों तक कंपनी के दोगुने अंक (double-digit) वाली तेज ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है।
Apple की धमाकेदार ग्रोथ, भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा iPhone मार्केट
Apple की भारत में कहानी तेजी से आगे बढ़ रही है। iPhone की बढ़ती मांग और MacBooks, iPads के तेजी से बढ़ते इकोसिस्टम के चलते आने वाले 3-4 सालों तक कंपनी के दोगुने अंक (double-digit) वाली तेज ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है। विश्लेषकों और सूत्रों ने Moneycontrol को बताया कि Apple अपनी ऑफलाइन स्टोर चेन बढ़ा रहा है, प्रीमियम रिसेलर की संख्या बढ़ा रहा है और भारत में मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ सप्लाई चेन का दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है। जिससे कंपनी की ग्रोथ को और मजबूती मिलेगी।
Tofler की RoC फाइलिंग के अनुसार, iPhone निर्माता का भारत में राजस्व मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में 18.26% बढ़कर 79,378 करोड़ रुपये हो गया, जो FY24 में 67,121 करोड़ रुपये था। कंपनी का नेट प्रॉफिट 16.4% बढ़कर 3,196 करोड़ रुपये हो गया, और विश्लेषकों को उम्मीद है कि FY26 और FY27 में भी इसी तरह ग्रोथ देखने को मिलेगी।
भारतीय स्मार्टफोन बाजार में iPhones की पहले से ही 9% वॉल्यूम हिस्सेदारी और 28% वैल्यू हिस्सेदारी है। विश्लेषकों का कहना है कि Apple की ग्रोथ का अगला फेज टियर-2, टियर-3 और छोटे शहरों में बढ़ती मांग से आएगा। विश्लेषकों और इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों ने Moneycontrol को बताया कि MacBooks, iPads और AirPods की बढ़ती बिक्री - Apple स्टोर्स और प्रीमियम रीसेलर्स के तेजी से बढ़ते नेटवर्क के साथ - कंपनी की भारत में पकड़ और तेज कर रही है।
Counterpoint के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने कहा, "FY2025 में 18% की ग्रोथ केवल इसलिए कमजोर दिखती है क्योंकि बेस बड़ा है। Apple के इंस्टॉल्ड यूजर बेस में तेजी से विस्तार हुआ है और 9% मार्केट शेयर के साथ भारत अब इसका तीसरा सबसे बड़ा बाजार है।" उन्होंने आगे कहा, "Apple टॉप 5 में मजबूती से बना हुआ है और अगले कुछ सालों तक इसकी रेवेन्यू ग्रोथ डबल डिजिट में बनी रहेगी। वैल्यू के हिसाब से यह अभी भी नंबर-1 हैंडसेट मेकर है।"
Counterpoint के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में Apple भारत के टॉप 5 स्मार्टफोन निर्माताओं में शामिल हो जाएगा और भारत उसका तीसरा सबसे बड़ा iPhone मार्केट बन जाएगा। iPhone 16 और 15 सीरीज की मजबूत मांग के कारण, ब्रांड ने प्रीमियम सेगमेंट में 28% वैल्यू शेयर हासिल की, जो 2024 में 22% थी। इसके अलावा, iPhone 17 के लॉन्च ने अपने पिछले मॉडल की शुरुआती डिमांड को भी पीछे छोड़ दिया है।
हालांकि, iPhones भारत में Apple की ग्रोथ को सबसे ज्यादा आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन इसके साथ-साथ Apple के दूसरे प्रोडक्ट्स भी बड़ा योगदान दे रहे हैं। पाठक ने आगे कहा, "यूजर्स अब Apple के इकोसिस्टम में और गहराई से खरीदारी कर रहे हैं। अपग्रेड करने की गति तेज है और लोगों का भरोसा भी मजबूत बना हुआ है।"
ऑफलाइन विस्तार से बढ़ेगी Apple की बिक्री
विश्लेषकों और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के मुताबिक, Apple भारत में अपने प्रीमियम रिसेलर नेटवर्क को तेजी से बढ़ा रहा है, ताकि ऑफलाइन रिटेल मार्केट में और ज्यादा ग्राहकों तक पहुंच बनाई जा सके। यह उसके अपने एक्सक्लूसिव स्टोर्स के साथ मिलकर बिक्री बढ़ाने में मदद करेगा।
कंपनी इस दिसंबर नोएडा में एक नया फ्लैगशिप Apple Store खोलने जा रही है। इससे पहले Apple बेंगलुरु और पुणे में नए स्टोर्स लॉन्च कर चुका है, जबकि मुंबई और दिल्ली में पहले ही स्टोर खोले जा चुके हैं।
पाठक ने कहा, "इस बार त्योहारों की डिमांड काफी मजबूत रही। हम देख रहे हैं कि टियर-2, टियर-3 और छोटे शहरों में iPhone की बिक्री लगातार बढ़ रही है।" उन्होंने आगे कहा की "इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए Apple को छोटे रिटेलर्स तक पहुंच बढ़ानी होगी, क्योंकि इन शहरों के कई स्टोर्स पर अभी Apple के सभी प्रोडक्ट्स उपलब्ध नहीं हैं।"
सितंबर क्वार्टर में Apple ने भारत में अब तक की सबसे ज्यादा कमाई की है। इस वजह से कंपनी के ग्लोबल रिजल्ट भी अब तक के सबसे मजबूत रहे, जहां कुल बिक्री 102.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। इस तिमाही में Apple ने भारत में लगातार 14वीं बार iPhone की रिकॉर्ड बिक्री की, जो तेज से बढ़ते रिटेल नेटवर्क और लोकल मैन्युफैक्चरिंग में ग्रोथ के कारण संभव हुई। कंपनी के अर्निंग कॉल के दौरान सीईओ टिम कुक ने कहा, "हमने उभरते बाजारों में सितंबर तिमाही में रेवेन्यू का रिकॉर्ड और भारत में अब तक का सबसे बड़ा राजस्व हासिल किया है।""
विश्लेषकों ने कहा कि Apple के बढ़ते यूजर बेस के कारण Apple Watch, iPad और Mac जैसे प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ रही है, जिससे भारत में इसका इकोसिस्टम मजबूत हो रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब iPhone की मांग में कमी आने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। क्योंकि कम से कम अगले 18-20 महीनों तक - नए, युवा खरीदार बड़ी संख्या में iPhone अपना रहे हैं।
भारत में Apple की मैन्युफैक्चरिंग से तेज होगा विस्तार
भारत में Apple की तेज़ी का एक बड़ा कारण इसकी बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी है। कंपनी अब चीन के बाहर अपनी सप्लाई चेन को फैलाने पर जोर दे रही है, और इसी वजह से भारत में उसका सप्लायर नेटवर्क लगातार मजबूत होता जा रहा है। Apple की यूनिट Apple Operations India Private Limited (AOIPL), जिसे 2023 में शुरू किया गया था, इस विस्तार की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है।
सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि यह इकाई इंजीनियरिंग उपकरण खरीदने, सुविधाओं को पट्टे पर देने, अनुसंधान एवं विकास हार्डवेयर गतिविधियों के लिए इंजीनियरों को नियुक्त करने और Apple समूह की कंपनियों को विफलता विश्लेषण सेवाएँ प्रदान करने का काम संभालती है।
यह यूनिट भारत में Apple की मैन्युफैक्चरिंग और उसके विस्तार को सपोर्ट करती है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि यह यूनिट इंजीनियरिंग प्रोडक्ट खरीदने, मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी सुविधाएं किराए पर लेने, हार्डवेयर रिसर्च के लिए इंजीनियरों की भर्ती करने और फेलियर एनालिसिस जैसी तकनीकी सेवाएं प्रदान करने का काम संभालती है।
सूत्रों ने आगे कहा, " AOIPL दिखाता है कि Apple भारत में सामान बनाने को लेकर कितना गंभीर है। यह यूनिट अभी अपने दूसरे साल में है, लेकिन इसके काम करने की रफ्तार देखकर माना जा रहा है कि आने वाले समय में Apple भारत में उत्पादन को और तेजी से बढ़ाने वाला है।”
Apple को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला।
कई पार्टनर्स अपने यूनिट्स का विस्तार कर रहे हैं, जबकि कुछ ने ट्रायल प्रोडक्शन शुर कर दिया है या वहां से एक्पोर्ट भी करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों ने बताया बताया कि सिंगापुर की कंपनी TD Connex, जो पहले से ही तमिलनाडु के ओरागदम में एक प्लांट चलाती है, CNC मशीनिंग, प्लास्टिक इंजेक्शन, मेटल स्टैम्पिंग, लिक्विड सिलिकॉन रबर और स्मार्टफोन हाउसिंग के लिए मोल्डिंग जैसी क्षमताओं के साथ अपनी माइक्रो-प्रिसिजन कंपोनेंट सुविधा का विस्तार करने के लिए 200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है।
Yuzhan Technology, जिसने हाल ही में तमिलनाडु में अपनी डिस्प्ले-मॉड्यूल असेंबली यूनिट शुरू की है, ने कुछ आईफोन मॉडलों के लिए भारत के बाहर Foxconn फैक्ट्रियों को वहां असेंबल किए गए डिस्प्ले मॉड्यूल का निर्यात शुरू कर दिया है।
कर्नाटक की कंपनी Aequs को Apple की ग्लोबल सप्लाई चेन में एक विक्रेता के रूप में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया है और उसने MacBook के कवर और Apple घड़ियों के लिए मैकेनिकल कंपोनेंट्स का ट्रायल प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया है।
"यह एक धक्का देने से ज़्यादा एक आकर्षण है। और भी विक्रेता भारत में आवेदन और विस्तार शुरू करेंगे। 45 से ज्यादा कंपनियां पहले से ही इस इकोसिस्टम का हिस्सा हैं। जैसे-जैसे Apple अपने भारत प्रोडकट्स बनाना शुरू करेगा, यह नेवर्क और बढ़ेगा।
Apple के ज्यादातर सप्लायर्स दक्षिण भारत में ही मौजूद हैं, क्योंकि यहां सप्लाई चेन से जुड़ी अहम सुविधाएं और कुशल कामगार बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं।
Apple डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल जैसे जरूरी कंपोनेंट्स के देश में ही बनाने के लिए चीनी, दक्षिण कोरियाई, ताइवानी और जापानी कंपनियों के साथ ऐसे पार्टनरशिप की संभावना तलाशने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ भी बातचीत कर रहा है। कंपनी के अब भारत में 45 सप्लायर्स हैं, जिनमें छोटी असेंबली कंपनियां भी शामिल हैं।
टेक दिग्गज Apple भारत में बने iPhone में स्थानीय पार्ट्स का उपयोग बढ़ा रहा है, जिसका टारगेट अगले दो से तीन सालों में चीनी प्रोडक्ट्स के लेवल को पार करना है। फिलहाल करीब 35 कंपनियां ऐसी मशीनें भारत में बनाती हैं, जिनमें से लगभग आधी Apple को सपोर्ट कर रही हैं। Moneycontrol की 24 सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, Apple अगले दो से तीन साल में इस संख्या को काफी बढ़ाने की योजना बना रहा है।
मेजर मशीनरी सप्लायर्स में टाइटन इंजीनियरिंग एंड ऑटोमेशन लिमिटेड (TIAL), Jyoti CNC Automation, Bharat Forge और Wipro के साथ-साथ कई छोटी गैर-चीनी कंपनियां शामिल हैं, जिन्होंने भारत में अपनी सुविधाएं स्थापित की हैं। Apple इन कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि लॉजिस्टिक जोखिम कम किया जा सके, लागत कम की जा सके और सप्लाई चेन और मजबूत बन सके।
भारत में सेकेंडरी मार्केट भी मजबूत है, जहां रीफर्बिश्ड और सेकेंड-हैंड आईफोन की मांग काफी ज्यादा है, और युवा खरीदार - कुछ तो 11 साल की उम्र के भी - ऐप्पल इकोसिस्टम में शामिल हो रहे हैं, और अक्सर अपने पहले पर्सनल डिवाइस के रूप में iPhone ही खरीदते हैं।