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डेवलपर्स से ऊंची फीस वसूली मामले में Apple पर ब्रिटेन में एंटीट्रस्ट केस, ₹1.75 लाख करोड़ का लग सकता है झटका

Apple: ऐप डेवलपर्स से ऊंची फीस लेने के मामले में iPhone निर्माता कंपनी Apple पर ब्रिटेन में एक बड़ा एंटीट्रस्ट केस ठोक दिया गया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंदन की एक ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि अमेरिका स्थित टेक दिग्गज ने बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया है।

अपडेटेड Oct 24, 2025 पर 1:31 PM
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डेवलपर्स से ऊंची फीस वसूली मामले में Apple पर ब्रिटेन में एंटीट्रस्ट केस, ₹1.75 लाख करोड़ का लग सकता है झटका

Apple: ऐप डेवलपर्स से ऊंची फीस लेने के मामले में iPhone निर्माता कंपनी Apple पर ब्रिटेन में एक बड़ा एंटीट्रस्ट केस ठोक दिया गया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंदन की एक ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि अमेरिका स्थित टेक दिग्गज ने बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया है। इस फैसले से Apple को लगभग 1.5 बिलियन पाउंड (करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है। यह मामला यूनाइटेड किंगडम में लाखों iPhone और iPad यूजर्स की ओर से लाया गया था।

लंदन की Competition Appeal Tribunal (CAT) ने कहा कि Apple ने ऐप डिस्ट्रीब्यूशन मार्केट में प्रतिस्पर्धा को प्रतिबंधित किया और अक्टूबर 2015 से 2020 के अंत तक डेवलपर्स से ज्यादा और अनुचित कमीशन वसूला। यह फैसला अमेरिका और यूरोप में बिग टेक कंपनियों की ऐप स्टोर नीतियों को लेकर बढ़ती जांच के बीच आया है।

Apple फैसले के खिलाफ करेगा अपील


Apple ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा और इसे ऐप इकोनॉमी की सही तस्वीर का गलत विश्लेषण बताया। अगले महीने एक सुनवाई होनी है जिसमें यह तय किया जाएगा कि Apple को कितना हर्जाना देना होगा और अपील के लिए उसके आवेदन पर विचार किया जाएगा।

रॉयटर्स ने एक Apple प्रवक्ता के हवाले से कहा, "यह फैसला इस बात की अनदेखी करता है कि ऐप स्टोर किस तरह डेवलपर्स को सफल होने में मदद करता है और उपभोक्ताओं को ऐप्स खोजने और सुरक्षित भुगतान करने के लिए एक सुरक्षित, भरोसेमंद जगह प्रदान करता है।"

यह मुकदमा ब्रिटिश शिक्षाविद राचेल केंट ने दायर किया था, जिन्होंने तर्क दिया था कि Apple ने ऐप डिस्ट्रीब्यूशन और इन-ऐप खरीदारी के लिए प्रतिस्पर्धा को रोककर "ज्यादा मुनाफा" कमाया है।

Apple की मोनोपोली पर वकीलों ने उठाए सवाल

केंट के वकीलों ने कहा कि Apple की 100% मोनोपोली स्थिति उसे डेवलपर्स पर कठोर नियम और उच्च कमीशन लगाने की अनुमति देती है। हालांकि, Apple ने इन दावों का खंडन किया, लेकिन ट्रिब्यूनल ने पाया कि डेवलपर्स से ज्यादा शुल्क लिया गया था, क्योंकि Apple आमतौर पर 17.5% के बजाय लगभग 30% कमीशन लेता था, जिसे वह उचित बताता था।

CAT ने यह भी कहा कि डेवलपर्स ने इस अतिरिक्त लागत का लगभग आधा हिस्सा उपभोक्ताओं पर डाल दिया।

ब्रिटेन में पहला बड़ा क्लास-एक्शन केस

यह केस ब्रिटेन में टेक जायंट के खिलाफ पहला बड़ा सामूहिक मुकदमा था, जो नए क्लास-एक्शन स्टाइल सिस्टम के तहत ट्रायल में आई। इस साल इस सिस्टम की 10वीं वर्षगांठ थी और अब तक कई मल्टी-बिलियन पाउंड केस ट्रायल के लिए मंजूर हुए हैं, लेकिन कंज्यूमर्स को ज्यादा सफलता नहीं मिली है।

हालांकि, यह फैसला एक मिसाल कायम कर सकता है और अधिक मुकदमों को प्रोत्साहित कर सकता है। डेवलपर फीस से संबंधित Google के Play Store के खिलाफ एक बड़ा मामला अक्टूबर 2026 में शुरू होने वाला है। Epic Games भी अमेरिका में Apple के खिलाफ एक संबंधित मामला चला रहा है।

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