HP layoffs: अमेरिका स्थित टेक कंपनी HP ने एक बड़े री-स्ट्रक्चरिंग प्लान की घोषणा की है, जिसके तहत कंपनी वित्त वर्ष 2028 तक ग्लोबल लेवल पर 6,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। यह कदम कंपनी की स्ट्रैटजी का हिस्सा है, जिसका मकसद AI सिस्टम्स को अपनाकर ऑपरेशंस को बेहतर और तेज बनाना है। बता दें कि इससे पहले Apple ने भी बड़े स्तर पर जॉब्स कट का ऐलान किया था।
CEO एनरिक लोरेस के मुताबिक, ये छंटनी इसलिए जरूरी है, ताकि HP बदलते तकनीकी माहौल में प्रतिस्पर्धी बनी रह सके, क्योंकि पूरी टेक इंडस्ट्री तेजी से AI-बेस्ड ऑपरेशन्स की ओर बढ़ रही है।
HP के मुताबिक, AI की मदद से प्रोडक्ट जल्दी तैयार होंगे, सेल्स, कस्टमर सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग बेहतर होगा और वर्क स्पीड भी बढ़ेगी। HP के CEO एनरिक लोरस के मुताबिक, इस बदलाव से मतलब AI को अपनाने से कंपनी अगले तीन साल में करीब 1 अरब डॉलर की बचत कर सकेगी। हालांकि, इसका सीधा असर उन हजारों कर्मचारियों पर पड़ेगा, जिनकी नौकरियां अब AI और ऑटोमेशन की वजह से खत्म हो जाएंगी।
इस साल फरवरी में HP ने 1,000 से 2,000 कर्मचारियों की छंटनी पहले ही कर दी थी। अब कंपनी अपने नए री-स्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत एक बार फिर करीब 6,000 कर्मचारियों की नौकरी घटाने की तैयारी कर रही है। इस बार सबसे बड़ा असर प्रोडक्ट डेवलपमेंट, इंटरनल ऑपरेशंस और कस्टमर सपोर्ट डिपार्टमेंट पर पड़ने की संभावना है। हालांकि, कर्मचारियों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि AI के बढ़ते उपयोग के चलते कई पुराने रोल और जिम्मेदारियां अब ऑटोमेटेड सिस्टम्स के जरिए संभाली जा रही हैं।
कंपनी ने बताया कि AI-इनबेल्ड PC की मांग ज्यादा है। HP के चौथी तिमाही में भेजे गए कुल PC में से करीब 30% AI PC थे। लेकिन बढ़ती मांग के कारण मेमोरी चिप्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है। डेटा सेंटरों में AI सिस्टम्स की मागं बढ़ रही है, जिस वजह से DRAM और NAND चिप्स के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इससे HP, Dell और Acer जैसी कंपनियों के प्रॉफिट पर दबाव पड़ रहा है।
HP का कहना है कि चिप्स की बढ़ती कीमतों का असली असर 2026 की दूसरी छमाही में देखने को मिलेगा। अभी के लिए कंपनी ने पहले छह महीनों का पर्याप्त स्टॉक तैयार कर लिया है, जिससे तत्काल कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन इसके बाद कंपनी को बढ़ती लागत का सामना करना पड़ सकता है, जिसकी चिंता अभी से जताई जा रही है।
अक्टूबर तिमाही का रेवेन्यू 14.64 अरब डॉलर
HP का अक्टूबर तिमाही का रेवेन्यू 14.64 अरब डॉलर था। LSEG के इकट्ठा किए गए डेटा के मुताबिक, HP को FY 2026 में हर शेयर का एडजस्टेड प्रॉफिट 2.90 से 3.20 डॉलर के बीच रहने की उम्मीद है। यह एनालिस्ट्स के 3.33 डॉलर के एवरेज अनुमान से कम है। इसी वजह से HP के शेयरों में गिरावट देखी गई। कंपनी को उम्मीद है कि पहली तिमाही में हर शेयर का एडजस्टेड प्रॉफिट 73 सेंट से 81 सेंट के बीच रहेगा। और मिडपॉइंट 79 सेंट के अनुमान से कम रहेगा।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेक्नोलॉजी सेक्टर में ये बदलाव नए फ्यूचर को बेहतर बनाने की शुरुआत है। आज के समय में कंपनियां AI और ऑटोमेशन का इस्तेमाल कर लागत घटा रही हैं और ऑपरेशन को बेहतर बना रही हैं। हालांकि, इसक नई टेक्नोलॉजी का असर कर्मचारियों पर ज्यादा पड़ रहा है।
HP की छंटनी सिर्फ कंपनी का आंतरिक री-स्ट्रक्चरिंग प्लान नहीं है, बल्कि यह उस बड़े वैश्विक ट्रेंड का हिस्सा है जहां कंपनियां मानव श्रम कम कर रही हैं और टेक्नोलॉजी खासकर AI पर ज्यादा डिपेंड होती जा रही हैं।