Ashwini Vaishnav: अश्विनी वैष्णव ने सेमीकंडक्टर को लेकर सरकार के प्लान के बारे में बताया, कहा-यह नई नौकरियों के लिए ग्रोथ का इंजन बनेगा

Ashwini Vaishnav: अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चिप मैन्युफैक्चरिंग का ऑटोमोबाइल्स, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई प्रमुख सेक्टर पर व्यापक असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इससे इंडिया में ऐसी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत होगी, जो सेमीकंडक्टर पर आधारित होगी

अपडेटेड Sep 08, 2025 पर 4:10 PM
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वैष्णव ने कहा कि आज दुनिया भारत को सेमीकंडक्टर के बड़े हब के रूप में देख रही है। यह इंडस्ट्री आकार ले रही है, क्योंकि इसके लिए स्पष्ट पॉलिसी और तेज एग्जिक्यूशन क्षमता उपलब्ध है।

आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को लेकर सरकार की महत्वाकांक्षा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ टेक्नोलॉजी के मामले में बड़े बदलाव आने जा रहे हैं बल्कि यह नौकरियों के नए मौकों और इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए भी अहम होगा। मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आज सेमीकंडक्टर की भूमिका ग्रोथ के लिहाज से उसी तरह से है जैसी 20वीं शताब्दी में स्टील की थी। उन्होंने जीएसटी रिफॉर्म्स सहित कई दूसरे मसलों के बारे में भी कई अहम बातें बताईं।

सेमीकंडक्टर्स से नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत होगी

वैष्णव ने कहा कि चिप मैन्युफैक्चरिंग (Chip Manufacturing) का ऑटोमोबाइल्स, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई प्रमुख सेक्टर पर व्यापक असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इससे इंडिया में ऐसी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत होगी, जो सेमीकंडक्टर पर आधारित होगी। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) की पॉलिसी का ऐलान 1 जनवरी, 2022 को हुआ था। तब से हम काफी आगे आ चुके हैं। आज हमारे पास 10 यूनिट्स हैं। इनमें से 5 में कंस्ट्रक्शन चल रहा है। असम के प्लांट पर भी तेजी से काम चल रहा है। अगर आप व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें तो हमने हर सेक्टर को शामिल करने की कोशिश की है। इनमें ऑटोमोबाइल सेक्टर, टेलीकॉम सेक्टर, कंज्यूमर एप्लायंसेज, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और स्ट्रेटेजिक एंड डिफेंस सेक्टर शामिल हैं।


अगले 20-25 सालों के लिए मजबूत बुनियाद तैयार करने पर फोकस

उन्होंने कहा कि हमारा मकसद इस इंडस्ट्री से जुड़ी संभावनाओं का फायदा उठाना है। आगे 20-25 साल की ग्रोथ के लिए मजबूत बुनियाद बनाने की जरूरत है। इसके लिए तीन चीजें अहम हैं। पहला, हमारी टैलेंट पाइपलाइन काफी स्ट्रॉन्ग है। दूसरा, इंडिया में पूरा ईकोसिस्टम होना चाहिए। इसका मतलब है कि ऐसे खास 500 केमिकल्स उपलब्ध होने चाहिए, जिनका इस्तेमाल मैन्युफैक्चरिंग में होता है। 50 खास गैस होनी चाहिए, जिनका इस्तेमाल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में होता है। इसके अलावा कई तरह की इक्विपमेंट और स्किल की जरूरत है। यह भी जरूरी है कि हम जिन यूनिट्स को मंजूरी देते हैं उनके लिए स्पष्ट बाजार और डिमांड होनी चाहिए।

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दुनिया भारत को सेमीकंडक्टर के हब के रूप में देख रही है

वैष्णव ने कहा कि आज दुनिया भारत को सेमीकंडक्टर के बड़े हब के रूप में देख रही है। यह इंडस्ट्री आकार ले रही है, क्योंकि इसके लिए स्पष्ट पॉलिसी और तेज एग्जिक्यूशन क्षमता उपलब्ध है। ISM 2.0 में सरकार ईकोसिस्टम को और विकसित करने पर फोकस करेगी। इसका मतलब है कि हमारे इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स बहुत जरूरी हैं। सेमीकंडक्टर्स बनाने में जिन इक्विपमेंट और मशीन का इस्तेमाल होता है, उनकी मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइनिंग इंडिया में होनी चाहिए। हम इस मामले में ग्लोबल वैल्यू चेन के महत्व को भी समझते हैं। इसलिए वैल्यू चाहे जहां ऐड की जाए इसका फायदा हमारे लोगों और इंडस्ट्री को मिलना चाहिए।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Sep 08, 2025 3:39 PM

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