इंडिया के ग्लोबल कपैबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की डिमांड साल दर साल आधार पर 131 फीसदी बढ़ी है। अभी जीसीसी में 3,500 एआई स्पेशियलिस्ट्स की वैकेंसी है। यह जानकारी एएनएसआर के डेटा से मिली है। यह फर्म मल्टीनेशनल कंपनियों को जीसीसी शुरू करने और उसके मैनेजमेंट से जुड़े सलाह देती है।
इंडिया में 600000 से ज्यादा एआई प्रोफेशनल्स
GCC में एआई स्पेशियलिस्ट्स की बढ़ती मांग की वजह ग्लोबल कंपनियों की इंडियन टैलेंट में बढ़ती दिलचस्पी है। इंडिया में 6,00,000 से ज्यादा AI प्रोफेशनल्स हैं। यह ग्लोबल टैलेंट पूल का करीब 16 फीसदी है। एआई प्रोफेशनल्स की संख्या के मामले में इंडिया दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे पायदान पर है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस संख्या के 2027 तक बढ़कर दोगुना यानी करीब 12.5 लाख तक पहुंच जाने का अनुमान है।
जीसीसी ग्लोबल कंपनियों की अहम जरूरतें पूरी कर रहे
एएनएसआर को को-फाउंडर विक्रम आहूजा ने मनीकंट्रोल को बताया, "आज जीसीसी सिर्फ ग्लोबल पार्टनरशिप को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं बल्कि एंड-टू-एंड प्रोडक्ट मैनडेट्स दे रहे हैं। साथ ही ऐसे एआई यूज केसेज का नेतृत्व कर रहे हैं, जिनका सीधार असर बिजनेस पर पड़ता है।" यह सर्वे ऐसे वक्त आया है, जब MIT की स्टडी बताती है कि 95 फीसदी एंटरप्राइज जेन एआई एनिशिएटिव आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
इंडिया में 1700 से ज्यादा ग्लोबल कपैबिलिटी सेंटर्स
इंडिया में 1,700 से ज्यादा जीसीसी हैं, जिनमें 20 लाख से ज्यादा प्रोफेनल्स काम करते हैं। इस संख्या के 2030 तक बढ़कर 25-28 लाख तक पहुंच जाने की उम्मीद है। अगले 5 सालों में यह सेक्टर देश की जीडीपी में 3.5 फीसदी योगदान कर सकता है। इंडिया में जीसीसी की तेज ग्रोथ में एआई के इस्तेमाल में ग्लोबल कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी है। इस वजह से जीसीसी में प्रोफेनल्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।
ग्लोबल कंपनियों की एआई के इस्तेमाल में बढ़ रही दिलचस्पी
इंडिया में स्टार्टअप और प्रोडक्ट ईकोसिस्टम की वजह से एआई का अच्छा टैलेंट पूल तैयार हुआ है। इसलिए आज इंडिया एआई प्रोफेशनल्स की सप्लाई पूरी दुनिया को करने के लिए तैयार है। जीएसीसी में आज सप्लाई चेन, कस्टमर्स ऑपरेशंस और मर्चेंडाइज से जुड़े फंक्शंस हैंडल किए जा रहे हैं। ये सेंटर्स एफिशियंसी और ग्रोथ के लिए एआई का इस्तेमाल करने की स्थिति में हैं।