UPI: बदलने जा रहे UPI के कई नियम जिनका यूजर्स पर पड़ेगा बड़ा असर! जानिए पूरी डिटेल

UPI Rules Change: UPI पर हर महीने लगभग 16 बिलियन ट्रांजेक्शन होते है। UPI सर्वर में अप्रैल और मई में बार-बार आउटेज की शिकायतें आईं, जिससे लाखों यूजर्स प्रभावित हुए

अपडेटेड Jul 07, 2025 पर 10:33 PM
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अब आप प्रति UPI ऐप दिन में 50 बार तक अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर पाएंगे

UPI Rules Change: अगर आप भी PhonePe, Google Pay या Paytm जैसे ऐप्स पर रोजाना UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 1 अगस्त, 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) नए नियम लागू करने जा रहा है। वे नियम UPI ट्रांजेक्शन के तरीके को बदल सकते है। नए नियमों का उद्देश्य UPI सिस्टम को फास्ट, सिक्योर और अधिक भरोसेमंद बनाना है। नए बदलावों का उद्देश्य UPI सर्वर पर लोड को कम करना और बार-बार होने वाले आउटेज जैसी समस्याओं को रोकना है।

1 अगस्त से लागू होने वाले प्रमुख बदलाव

बैलेंस चेक की लिमिट: अब आप प्रति UPI ऐप दिन में 50 बार तक अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर पाएंगे।


लिंक्ड अकाउंट की जानकारी: आपका मोबाइल नंबर किन बैंक खातों से जुड़ा है, इसकी जानकारी अब दिन में केवल 25 बार ही देखी जा सकेगी।

ऑटोपे पेमेंट के लिए समय स्लॉट तय: अब सदस्यता-आधारित ऑटो डेबिट (जैसे नेटफ्लिक्स, एसआईपी आदि) केवल गैर-पीक समय के दौरान ही प्रोसेस किए जाएंगे। सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच, और रात 9:30 बजे के बाद।

UPI लेनदेन स्टेटस चेक पर लिमिट: यदि कोई पेमेंट अटक जाता है, तो अब आप उसका स्टेटस केवल तीन बार ही चेक कर पाएंगे, और प्रत्येक चेक के बीच कम से कम 90 सेकंड का गैप आवश्यक होगा।

इससे पहले 30 जून, 2025 से प्रत्येक UPI पेमेंट करने से पहले आपको लाभार्थी का बैंक में रजिस्टर्ड वास्तविक नाम दिखाई देगा। इससे धोखाधड़ी वाले लेनदेन में भारी कमी आने की उम्मीद है। NPCI ने दिसंबर 2024 में चार्जबैक सीमा तय की थी। एक उपभोक्ता अधिकतम 30 दिनों में 10 बार और उसी व्यक्ति/संस्था के साथ अधिकतम 5 बार चार्जबैक का दावा कर सकता है।

क्यों लाए गए ये बदलाव?

UPI पर हर महीने लगभग 16 बिलियन ट्रांजेक्शन होते है। UPI सर्वर में अप्रैल और मई में बार-बार आउटेज की शिकायतें आईं, जिससे लाखों यूजर्स प्रभावित हुए। NPCI का मानना है कि ज्यादातर समस्याएं UPI API पर अत्यधिक कॉल के कारण होती हैं। जैसे हर 2 मिनट में बैलेंस चेक करना या एक ही लेनदेन को बार-बार रिफ्रेश करना। नया नियम इन अनावश्यक कॉलों को रोकेगा, जिससे सिस्टम अधिक तेज, सुगम और विश्वसनीय बनेगा।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: Jul 07, 2025 10:25 PM

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