AI Talk To Dead Relatives: अगर आपको अपने मरे हुए रिश्तेदारों से बात करने का मौका मिले तो आप क्या करेंगे? ये एक ऐसा सवाल है जो सभी को हैरान कर सकता है, लेकिन क्या आपको पता है कि आज के समय में कुछ भी नामुमकिन नहीं है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने इस तकनीक के जमाने में लोगों को अपने मरे हुए परिजनों से बात करने का बाईपास ढूंढ लिया है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा AI टूल डिजाइन किया है जो मरे हुए रिश्तेदारों से आपकी बात करवा देगा। लेकिन ध्यान रहे ये AI ही होगा, जो उनकी तरह आपसे बातचीत करेगा।
मर चुके लोगों की आवाज में कर रहा बात
डेली स्टार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, Creepy AI ऐसी सुविधा दे रहा है, जो लोगों को उनके मृत परिजनों से बात कराएगा। इसमें एक ऐसा सॉफ्टवेयर डिजाइन किया गया है, जो मरे हुए लोगों की आवाज में बात करेगा। यानी एक शब्द में कहा जाए तो यह आपके मृत संबंधियों को डिजिटल रूप से जीवित कर सकता है। उनकी तरह बात करना, उनकी जैसी आवाज में बोलना, यह तभी संभव हो सकता है जब उसे मृत व्यक्ति के पैटर्न के बारे में पता हो।
शुरुआत में तो तकनीक ठीक, लेकिन फिर शुरू होंगे साइड इफेक्ट्स
शुरुआत में लोगों को अपने मृत परिजनों से बात करके अच्छा लगा। फिर यह सिलसिला रोजाना के तौर पर बढ़ने लगा, जिसमें लोग रोजाना अपने मृत परिजनों से बात कर रहे हैं और उनसे सलाह-मशविरा भी ले रहे हैं। जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोग इससे एक काल्पनिक दुनिया में जा रहे हैं, रियल वर्ल्ड में जीने की बजाय वे एक तरह का एस्केप खोज रहे है, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
दूसरा मुद्दा सुरक्षा का है, AI को अपने मृत परिजनों से संबंधित डेटा देना एक तरह से आपके प्राइवेसी को तोड़ता है, जो आपके लिए खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि AI डेटा स्टोर करता है।
कंपनी बोली- हम तो प्रियजनों को कनेक्ट करने का मौका दे रहे
इस पर कंपनी की राय भी सामने आई है। कंपनी का कहना है कि हम लोगों को मृत परिजनों से कनेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, हमारा मकसद किसी की प्राइवेसी को नुकसान पहुंचाना नहीं है। कंपनी ने आगे कहा कि इस टेक्नोलॉजी से लोग दोबारा अपने मृत परिजनों से बात कर पाएंगे, उनसे दोबारा इमोशनली अटैच हो पाएंगे। जबकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह लोगों की भावनाओं से खेलना या उनका शोषण करना हुआ।
इस अनोखे मामले पर मनोवैज्ञानिकों ने कहा कि यदि ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ और लोग इस तकनीक का लंबे समय तक उपयोग करने लगें तो मुमकिन है कि वे असल दुनिया से कट जाएंगें। वे काल्पनिक दुनिया को ही वास्तविक दुनिया समझ सकते हैं। इससे वे मानसिक रूप से अस्थिर हो सकते हैं। एक यूजर ने इस टेक्नोलॉजी पर रिएक्शन देते हुए कहा कि यह तकनीक अच्छी है, लेकिन लोगों को फिक्शनल वर्ल्ड में धकेल देगी।