भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं को तो रोका नहीं जा सकता, लेकिन अगर इनके आने से पहले चेतावनी मिल जाए तो जान-माल की हानी नहीं होगी। वैसे तो आपदा प्रबंधन की टीम लोगों को प्राकृतिक आपदाओं को लेकर सतर्क करती रहती है, लेकिन अब आपका Android स्मार्टफोन भी आपको भूकंप का पता लगाकर अलर्ट करेगा। जी हां, Google ने एक ऐसे फीचर को लॉन्च किया है, जो भूकंप के आने की स्थिति का पता लगाकर तुरंत अलर्ट भेजता है। अब आइए जानते हैं कैसे ये फीचर काम करता है।
भारत में जुलाई से आया यह फीचर
Android में भूकंप के अलर्ट की शुरुआत 2020 में हुई थी, जब गूगल ने इस फीचर का ऐलान किया था। भारत में यह फीचर इसी साल जुलाई में रोल आउट हुआ है। गूगल का कहना है कि 2020 में लॉन्च होने के बाद से लेकर अब तक यह 2,000 से अधिक भूकंप का पता लगा चुका है। 2023 में इसने फिलीपींस में आए 6.7 तीव्रता वाले भूकंप का भी सफलतापूर्वक पता लगाया था और लगभग 25 लाख लोगों को अलर्ट भेजा था। हालांकि, Google का कहना है कि यह पूरी तरह से परफेक्ट नहीं है, लेकिन इसे बेहतर बनाने के लिए लगातार काम जारी है।
यह फीचर आपके स्मार्टफोन में लगे छोटे से सेंसर, एक्सलेरोमीटर का इस्तेमाल करता है। ये ऐसे छोटे सेंसर होते हैं, जो फिटनेस ट्रैकिंग में स्टेप्स काउंट करते हैं और फोन को रोटेट करने पर स्क्रीन का ओरिएंटेशन बदलने में काम आते हैं। Google इन्ही एक्सलेरोमीटर को अलग तरीके से यूज कर उन्हें मिनी सेस्मोमीटर बना देती हैं, जो भूकंप की झटकों को डिटेक्ट कर सकते हैं। जब फोन भूकंप के शुरुआती झटके महसूस करता है तो यह लोकेशन और वाइब्रेशन डेटा गूगल के सर्वर पर भेजता है। अगर एक ही इलाके से बड़ी संख्या में ऐसे सिग्नल मिलते हैं, तो सिस्टम भूकंप की पुष्टि कर देता है, और उस इलाके में एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स पर अलर्ट नोटिफिकेशन भेजता है।
अगर किसी भूकंप की तीव्रता 4.5 के आसपास है तो गूगल सावधानी वाले अलर्ट भेजता है, वहीं ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप के लिए यूजर को तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाने और "कवर लेने" (यानी किसी मजबूत मेज के नीचे छिपने) का अलर्ट भेजा जाता है।
फीचर को फोन में कैसे करें एक्टिवेट?
कई नए एंड्रॉयड स्मार्टफोन में यह फीचर पहले से ही इनेबल होता है। अगर आपके फोन में यह फीचर इनेबल नहीं है तो आपको कुछ स्टेप्स को फॉलो करना होगा..