Perplexity AI offer to buy Google Chrome: इन दिनों Perplexity और Google Chrome को लेकर चर्चा जोरों पर है, और इसका मुख्य कारण है Perplexity AI का गूगल के क्रोम ब्राउजर को खरीदने के लिए 34.5 अरब डॉलर (लगभग 3.02 लाख करोड़ रुपये) का अप्रत्याशित प्रस्ताव देना। दरअसल, जब से Perplexity AI के CEO अरविंद श्रीनिवास ने Google Chrome पर अपनी रुची दिखाई है तभी से वह टेक जगत की सुर्खियों में बने हुए हैं। बता दें कि Perplexity AI का गूगल के क्रोम ब्राउजर को खरीदने का आंकड़ा चौकाने वाला है, क्योंकि यह Perplexity की अपनी 14 अरब डॉलर की वैल्यूएशन से भी दोगुने से अधिक है और क्रोम, गूगल के सबसे महत्वपूर्ण प्रोडक्ट्स में से एक है। ऐसे में महज 3 साल पुरानी एक AI कंपनी द्वारा इसे खरीदने की पेशकश ने सभी का ध्यान खींच लिया है।
Perplexity AI की वैल्यूएशन Google से है कम
दरअसल, खबर ये है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप Perplexity ने गूगल के पॉपुलर ब्राउजर Google Chrome को खरीदने का ऑफर दिया है। इस ऑफर की कीमत 34.5 अरब डॉलर (लगभग 3 लाख करोड़ रुपये) है। सबसे मजेदार बात ये है कि कंपनी की खुद की वैल्यूएशन करीब 18 अबर डॉलर है। यानी कंपनी ने अपनी वैल्यूएशन से दोगुना ऊपर जाकर बोली लगाई है। वहीं, जब Perplexity से पूछा गया कि आपकी वैल्यूएशन तो बहुत कम है, तब Perplexity की ओर से कहा गया कि कई बड़े इन्वेस्टर्स इस डील को पूरा करने में मदद करेंगे।
क्यों Google को क्रोम ब्राउजर बेचना पड़ रहा है
अब सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो गूगल को क्रोम ब्राउजर बेचना पड़ रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका में गूगल पर चल रही एंट्री ट्रस्ट कार्यवाही के कारण गूगल अपने वेब ब्राउजर क्रोम को बेचने के लिए मजबूर हो सकता है।
बता दें कि Google पर आरोप लगाया गया है कि वह ऑनलाइन सर्च में अपनी मनमानी करता है। पिछले साल एक जज ने कहा था कि गूगल ऑनलाइन सर्च में गैरकानूनी तरीके से अपनी मनमानी करता है। इसके बाद अमेरिका सरकार ने सुझाव दिया कि कंपनी को क्रोम बेच देना चाहिए और दूसरी कंपनियों को भी अपने सर्च डेटा का यूज करने देना चाहिए। इसका कारण हो सकता है कि आगे जाकर अमेरिका की सरकार गूगल को क्रोम बेचने के लिए कहे।
कंपनी का दावा- क्रोम में नहीं होगा कोई बदलाव
Perplexity की तरफ से वादा किया गया है कि वह चुपके से Chrome में कोई मोडिफिकेशन नहीं करेगी। Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार, Perplexity ने बताया कि उन्होंने यह प्रस्ताव मंगलवार की सुबह Google को भेजा था। कंपनी का कहना है कि उसे इस डील के लिए निवेशकों से पैसे मिलेंगे।
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब किसी एआई कंपनी ने गूगल क्रोम को खरीदने में रुचि दिखाई है। इससे पहले OpenAI, Yahoo और Apollo Global Management जैसे Google के प्रतिद्वंद्वियों ने भी Chrome में रुचि दिखाई है। जबकि डकडकगो के सीईओ ने इसके संभावित जबरन सेल-वैल्यू का अनुमान 50 बिलियन डॉलर से कम नहीं लगाया है।
कौन हैं Perplexity के सीईओ और को-फाउंडर अरविंद श्रीनिवास?
अरविंद श्रीनिवास का जन्म 1994 में चेन्नई में हुआ। उन्होंने IIT मद्रास से पढ़ाई की और इसके बाद हाई एजुकेशन के लिए अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले से डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी - पीएचडी कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की। अपने शुरुआती करियर में उन्होंने मशहूर AI रिसर्चर योशुआ बेंजियो के साथ काम किया।
साल 2019 में इन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर रिसर्च साइंटिस्ट की थी। कई सालों तक काम करने के बाद इन्होंने साल 2022 में अमेरिका में Perplexity AI कंपनी की शुरुआत की। जो कि आज एक जानी मानी कंपनी बन चुकी है। Perplexity AI कंपनी शुरू करने से पहले श्रीनिवास OpenAI में एआई रिसर्चर थे और उन्होंने Google और डीपमाइंड में इंटर्नशिप भी की थी।
2022 में की थी Perplexity AI की शुरुआत
साल 2022 में डेनिस याराट्स, जॉनी हो और एंडी कोनविन्स्की के साथ मिलकर उन्होंने Perplexity AI की शुरुआत की। यह AI-Powered सर्च इंजन है, जो रियल-टाइम जानकारी का इस्तेमाल करके यूजर्स से सीधे चैट करता है। Perplexity का मुकाबला ChatGPT, Grok और Google Gemini के साथ है।