AI in Tirupati temple: भारत के मशहूर धार्मिक स्थलों में से एक तिरुमला मंदिर में जल्द ही AI कमांड कंट्रोल सेंटर शुरू होने जा रहा है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए मंदिर में उमड़ रहे भीड़ को संभालने का काम किया जाएगा। और देखा जाएगा कि कितने लोग दर्शन के लिए लाइन में लगे हैं। यह देश का पहला मंदिर होगा जहां कमांड सेंटर शुरु होगा। यही वजह है कि तिरुपति मंदिर को भारत का पहला ‘AI Temple’ कहा जा रहा है। आइए इस मंदिर में लगे इस AI सिस्टम के बारे में डिटेल में जानते हैं।
AI कंट्रोल सेंटर की खासियत
मंदिर में नया इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर वैकुंठम-1 कॉम्प्लेक्स में बनाया गया है। यहां एक बड़ी डिजिटल स्क्रीन लगाई गई है, जिसपर मंदिर परिसर के सभी CCTV कैमरों की लाइव फीड देखी जा सकेगी। इस आधुनिक सिस्टम का संचालन 25 से अधिक तकनीकी विशेषज्ञों की टीम करती है। खास बात यह है कि इसमें AI से लैस कैमरे लगे हैं, जो चेहरे की पहचान आराम से कर सकेंगे। ये कैमरे आसानी से यह गिन सकते हैं कि कतार में कितने श्रद्धालु मौजूद हैं और दर्शन में अनुमानित कितना समय लगेगा। इस तकनीक की मदद से अधिकारी भक्तों की भीड़ को और अधिक प्रभावी तरीके से नियंत्रित कर पाएंगे।
AI सिस्टम भीड़ को का स्मार्ट तरीके से करेगी मैनेज
यह AI कमांड सिस्टम जमीनी स्तर की स्थिति को दिखाने के लिए 3D मैप तैयार करते हैं। साथ ही भीड़भाड़ वाले इलाके की पहचान करके भीड़ को कम करने के तरीके भी बताते हैं। इसके अलावा, अलग-अलग सोर्स से मिले डेटा को एनालाइज कर AI सिस्टम यह बताता है कि किस समय पर मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे। इसकी मदद से तिरुमला तिरुपति देवस्थानम अपने संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर सकेगा और दर्शन की समय सारणी को और सुव्यवस्थित बना पाएगा।
AI सिस्टम से सुरक्षा और सहायता सेवाएं मिलेंगी
मंदिर में लगा AI कमांड सिस्टम चोरी या अन्य गलत कामों में शामिल लोगों की पहचान करेगा। इसके साथ ही यह खोए हुए लोगों को ट्रैक करेगा, जिससे वह व्यक्ति अपने परिवार से जल्द मिल सकेगा। बता दें कि निगरानी के लिए अलीपिरी जैसी जगहों पर ज्यादा कैमरे भी लगाए गए हैं, जिससे यह AI, तीर्थयात्रा की शुरुआत से ही श्रद्धालुओं की भीड़ को मॉनिटर कर सकेगा। वहीं, यह AI सिस्टम श्रद्धालुओं के चेहरे के हाव-भाव को समझने में भी मदद करेगा। अगर किसी श्रद्धालु को कोई समस्या है तो उन्हें ट्रैक कर सकेगा। ऐसे मामलें में मंदिर का स्टाफ तुरंत आवश्यक कदम उठा सकेगा। इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में यह सिस्टम भक्तों को बाहर निकलने के लिए सबसे नजदीकी और सुरक्षित रास्ता भी दिखा सकेगा।