US-China trade war : चीन के नए नियमों के मुताबिक विदेशी कंपनियों को किसी भी ऐसी सामग्री के निर्यात के लिए उससे अनुमति लेनी होगी जिसमें चीनी रेयर अर्थ का इस्तेमाल किया गया हो। इस नियम के चलते कंप्यूटर चिप्स बनाने और मिलिट्री अप्लीकेशनों के साथ ऑर्टिफिसियल इंटेलीजेंस में इस्तेमाल होने वाले चाइनीज रेयर अर्थ के लिए चीन से मंजूरी लेनी होगी। चीन की तरफ रेयर अर्थ मिनिरल्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और अमेरिका द्वारा चीन के सॉफ्टवेयर पर एडिशनल टैरिफ और प्रतिबंध लगाने के बाद दुनिया भर की कंपनियां ग्लोबल सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में ट्रेडवार से उत्पन्न व्यवधानों से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रही हैं।
चीन की तरफ से लगाया गया यह प्रतिबंध रेयर अर्थ मटेरियल की सप्लाई को सीमित करने के लिए उसका अब तक का सबसे टारगेटेड कदम हैं। वास्तव में चीन के इस कदम का लक्ष्य अमेरिका को टारेगट करना है। चीन के इस कदम से सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री और एआई बूम को बड़ा झटका लग सकता है। इन्हीं प्रतिबंधों के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह चीन पर 100 फीसदी एडिशनल टैरिफ लगाएंगे और "किसी भी यह सभी क्रिटिकल सॉफ़्टवेयर" के निर्यात पर रोक लगाएंगे।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक रेयर अर्थ मटेरियल पर लगे प्रतिबंधों के कारण ASML Holding NV एनवी के शिपमेंट में कई सप्ताह तक की देरी हो सकती है। ASML Holding NV दुनिया की एकमात्र ऐसी मशीन निर्माता कंपनी है जो सबसे एडवांस सेमीकंडक्टर बनाती है।
अमेरिका की एक बड़ी चिप बनाने वाली कंपनी के सीनियर मैनेजर ने कहा कि कंपनी अभी भी चीन के इस प्रतिबंध के प्रभावों का आकलन कर रही है। लेकिन कंपनी के सामने सबसे बड़ा जोखिम रेयर अर्थ पर निर्भर मैग्नेट्स की कीमतों में हुई तेज बढ़त है, जो चिप सप्लाई चेन के लिए बहुत अहम हैं।
अमेरिका की एक और चिप बनाने वाली कंपनी के अधिकारी ने कहा कि कंपनी यह पता लगाने में जुटी है कि उसके किन उत्पादों में चीन से आए रेयर अर्थ मटेरियल का इस्तेमाल होता। कंपनी को इस बात चिंता है कि देश में लाइसेंस की जरूर के कारण रेयर अर्थ मटेरियल की सप्लाई चेन ठप्प हो जाएगी।
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