Gujarat Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की गुरुवार (12 जून) को एयर इंडिया विमान हादसे में मौत हो गई। रूपाणी 68 वर्ष के थे। वह गुजरात के राजकोट पश्चिम विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 2016 से 2021 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान गुरुवार दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद यहां एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान में यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को मिलाकर कुल 242 लोग सवार थे। विमान में सवार 241 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
एकमात्र जीवित व्यक्ति विश्वास कुमार रमेश भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है। उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। विश्वास बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI171) की 11A सीट पर बैठा था, जो चमत्कारिक रूप से बच गया। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अपने शांत स्वभाग और दृढ़ प्रशासनिक शैली के लिए जाने जाते थे। उन्होंने गुजरात को कोरोना से उभारने में राज्य का नेतृत्व करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बताया जा रहा है कि रूपाणी अपनी पत्नी अंजलि और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। उनके निधन की तारीख 12 जून यानी 12-06 से जुड़ा एक अजीबोगरीब संयोग भी सामने आया है। दरअसल, विजय रूपाणी 1206 को अपना लकी नंबर मानते थे। गुजरात के पूर्व सीएम के लिए 1206 एक नंबर से कहीं ज्यादा थी। विजय रुपाणी की पहली कार से लेकर वर्षों पुराने स्कूटर तक सभी का नंबर 1206 ही था। पूर्व सीएम इस नंबर को अपने लिए बेहद शुभ मानते थे। लेकिन उनके लिए गुरुवार को उनका सबसे लकी नंबर '1206' ही अनलकी साबित हो गया। एयर इंडिया के दर्दनाक विमान हादसे में उनकी दुखद मौत हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, कार और स्कूटर के अलावा यहां तक कि उनका मोबाइल नंबर भी लास्ट में 1206 ही है। उन्होंने अपनी लाइफ में जो पहली गाड़ी खरीदा था उसका नंबर 1206 था। और आश्चर्य देखिए कि उनका निधन भी 12.06 को ही गुजरात विमान हादसे में हुआ। अपने कॉलेज के दिनों में रूपाणी एक छात्र नेता थे जिन्होंने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में काम किया।
रूपाणी ने 1975 में आपातकाल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भावनगर जेल में एक साल के कारावास की सजा काटी थी। राजकोट नगर निगम में पार्षद चुने जाने के साथ ही 1987 में उन्होंने जन सेवा में प्रवेश किया। बाद में वह मेयर बने। वह 2006 से 2012 के बीच राज्यसभा के सदस्य भी रहे। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में राज्य औद्योगिक नीति 2020 की शुरूआत और आदिवासी उत्थान के लिए पहल देखी गई। रूपाणी ने सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी इस पहल से राज्य चुनावों से पहले ही भूपेंद्र पटेल के लिए मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।