Piyush Goyal: भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सवाल उठाए हैं। भारतीय स्टार्टअप्स को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे उद्यमी सिर्फ जल्दी मुनाफा कमाने और छोटे बिजनेस आइडिया पर ही ध्यान देते रहे, तो भारत ग्लोबल कंपटीशन में पीछे रह जाएगा। दिल्ली में आयोजित 'स्टार्टअप महाकुंभ' को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने पूछा है कि 'क्या हमें आइसक्रीम या चिप्स बनाना है? दुकानदारी ही करना है? वहीं दूसरी ओर, चीन जैसे देश बैटरी तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सेमीकंडक्टर जैसे भविष्य के क्षेत्रों में भारी निवेश कर रहे हैं।
भारतीय स्टार्टअप पर पीयूष गोयल की इस बयान के बाद थर्ड यूनिकॉर्न के संस्थापक और शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज अशनीर ग्रोवर ने स्टार्टअप फाउंडर्स को आने वाली असली परेशानियों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन बाधाओं को दूर करना चाहिए ताकि भारत में स्टार्टअप्स को सही मायनों में आगे बढ़ने का मौका मिल सकेगा। शनिवार को अशनीर ने सरकार के सामने अपने तीन प्रमुख सुझाव रखे, जिनका मकसद स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाना है।
अशनीर ग्रोवर ने स्टार्टअप सेक्टर में सुधार के लिए सरकार से तीन अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
SEBI, RBI, FEMA, इनकम टैक्स, GST और स्थानीय सरकारी दफ्तरों से जुड़ी मंजूरियां एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलें। ये मंजूरी अधिकतम 15 दिनों के अंदर दी जाए। अगर 15 दिन में मंजूरी न मिले, तो इसे स्वतः मंजूरी मान लिया जाए।
कर्मचारियों को ESOP का लाभ मिलने पर तुरंत टैक्स न लगे। टैक्स तब ही लिया जाए जब उन्हें असल में पैसा मिले। साथ ही, पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) की अवधि की गिनती वेस्टिंग की तारीख से शुरू हो।
भारत के निवेशकों को यह छूट दी जाए कि वे किसी भी स्टार्टअप में किया गया निवेश कभी भी अपने हिसाब से बट्टे खाते में डाल सकें, चाहे उन्होंने शेयर बेचे हों या नहीं। हालांकि, बाद में अगर उसी निवेश से कोई मुनाफा होता है, तो उस पर पूरा टैक्स लिया जाए — मानकर कि उस निवेश की लागत शून्य (₹0) थी।
भारतपे के पूर्व संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने स्टार्टअप्स को लेकर चल रही चर्चा में अपनी बात खुलकर रखी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को स्टार्टअप संस्थापकों के साथ "हेल्दी डिबेट" शुरू करने के लिए धन्यवाद दिया। ग्रोवर ने कहा, "भारत में सिर्फ नेताओं को ही हकीकत से रूबरू होने की जरूरत है, बाकी सभी लोग तो पहले से ही पूरी सच्चाई में जी रहे हैं।" उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चीन ने भी शुरुआत में फूड डिलीवरी जैसे कामों से की थी और धीरे-धीरे डीप टेक में तरक्की की। ऐसे में जो चीन ने किया है, उससे प्रेरणा लेना अच्छी बात है, लेकिन नेताओं को भी सोचने की जरूरत है कि भारत को उस मुकाम तक पहुंचाने के लिए लगातार 20 सालों तक 10% से ज्यादा आर्थिक विकास की दर चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा, "शायद अब समय आ गया है कि हम सिर्फ इतिहास की बातें करने के बजाय, भविष्य की दिशा में वैज्ञानिक सोच अपनाएं।" अशनीर का यह बयान पीयूष गोयल की उस टिप्पणी के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का स्टार्टअप क्षेत्र फूड डिलीवरी और गिग इकोनॉमी तक ही सीमित है, जबकि चीन डीप-टेक इनोवेशन में आगे बढ़ चुका है।