COVID-19 Cases In India: भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 4,800 से अधिक हो गई है। इसमें केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल के बाद महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में शामिल हैं। देश में पिछले 24 घंटे में 564 नए मामले सामने आने के बाद एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 4,866 हो गई है। इस दौरान संक्रमण से सात मरीजों की मौत की सूचना है। इस साल जनवरी के बाद से देश में कोविड-19 से अब तक 51 लोगों के मरने की सूचना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के संक्रमण से पिछले 24 घंटे में कर्नाटक और दिल्ली में दो-दो मरीजों की मौत हुई है। जबकि महाराष्ट्र में तीन मरीजों के मरने की सूचना है। मृतकों में से एक पांच महीने का एक बच्चा भी शामिल है, जिसे सांस संबंधी समस्या थी। देश में 22 मई को एक्टिव मरीजों की संख्या 257 थी और 31 मई तक यह संख्या बढ़कर 3,395 हो गई। इसके बाद एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 4,866 हो गई।
24 घंटे के दौरान केरल में सबसे अधिक 114 केस सामने आए। इसके बाद कर्नाटक 112 और पश्चिम बंगाल 106 केस के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं। वर्तमान में केरल में 1,487 एक्टिव मरीज हैं जो देश में सबसे अधिक है। इसके बाद महाराष्ट्र में 526, गुजरात में 508 और दिल्ली में 562 एक्टिव मरीज हैं।
देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज यानी पांच जून को अस्पताल स्तर पर मॉक ड्रिल कराने का फैसला लिया है। साथ ही राज्यों से निगरानी बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। देश में कोविड-19 मामलों में हाल ही में हुई भारी वृद्धि के मद्देनजर इस सप्ताह के शुरू में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में तकनीकी समीक्षा बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया है।
निर्देश में राज्यों को ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इससे पहले पीएसए प्लांट, एलएमओ टैंक, एमजीपीएस लाइनों जैसी ऑक्सीजन आपूर्ति सिस्टम का आकलन करने वाली एक मॉक ड्रिल 2 जून को आयोजित की गई थी।
क्या हमें डरने की जरूरत है?
आधिकारिक सूत्रों ने 31 मई को बताया था कि भारत में कोविड-19 की स्थिति की करीब से निगरानी की जा रही है। मंत्रालय ने जोर दिया कि संक्रमण की गंभीरता कम है। अधिकतर मरीज घर पर क्वारंटीन में इलाज करा रहे हैं। चिंता की कोई बात नहीं है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि पश्चिम और दक्षिण भारत में वायरस के सैंपल के जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि वर्तमान में वायरस के जिस स्वरूप के कारण मामलों में वृद्धि हुई है वह गंभीर नहीं है। यह वायरस के ओमीक्रोन का नया वेरिएंट है।
उन्होंने कहा कि वायरस के जिन चार नए स्वरूपों का पता चला है वे LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 हैं। ये सभी ओमीक्रोन वेरिएंट से उत्पन्न हुए हैं। वायरस के LF.7, XFG, JN.1 वेरिएंट से संक्रमण के मामले अधिक हैं। डॉ. बहल ने कहा, "हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। इस वक्त हमें निगरानी रखने के साथ ही सतर्कता बरतनी चाहिए। हालांकि, चिंता की कोई बात नहीं है।"