Covid-19 Cases in India: भारत में 6,000 के करीब पहुंचे कोरोना वायरस के मामले, मध्य प्रदेश में 9 महीने की गर्भवती महिला की मौत
COVID-19 surge in India: भारत में एक बार फिर कोविड-19 मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के 7 जून, 2025 को सुबह 8:00 बजे तक के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 5,755 हो गई है। 24 घंटे के दौरान देश में 391 कोविड-19 के मामले सामने आए हैं और इस दौरान चार मरीजों की मौत हुई है
COVID-19 surge in India: भारत में 24 घंटों के दौरान 4 मरीजों की कोरोना वायरस से मौत हुई है
COVID-19 surge in India: भारत में कोराना वायरस (कोविड-19) के एक्टिव मामलों की संख्या 6,000 के करीब पहुंचने वाला है। देश में पिछले कुछ हफ्तों से संक्रमण में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। भारत में COVID-19 के एक्टिव मामलों की संख्या 5,700 के पार हो गई है। कोरोना वायरस के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 5,755 हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के 7 जून, 2025 को सुबह 8:00 बजे तक के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, 24 घंटे के दौरान देश में कोरोना वायरस से चार मौतें हुई हैं।
मध्य प्रदेश में नौ महीने की गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान दौरे पड़ने के बाद मौत हो गई। बाद में उसे COVID-19 पॉजिटिव पाया गया। महिला को इंट्रापार्टम दौरे पड़ते थे, जिसके लिए उको इंट्यूबेट किया गया। मंत्रालय ने बताया कि 5,484 से अधिक लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं। केरल अभी भी 1,806 मामलों के साथ COVID-19 चार्ट में सबसे ऊपर है।
केरल में 24 घंटे में 127 मामले सामने आए हैं। चार मौतें केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में हुई हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान देश में 391 नए मामले दर्ज किए गए हैं। भारत में कोविड-19 ने एक महीने से भी कम समय में मामलों में 200% की वृद्धि देखी है। केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है। इसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित हैं।
संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर केंद्र अस्पतालों में कोविड-19 संबंधी तैयारियों की जांच के लिए 'मॉक ड्रिल' आयोजित कर रहा है। सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर ऑक्सीजन, आइसोलेटेड बेड, वेंटीलेटर और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अधिकतर मरीजों में संक्रमण के हल्के लक्षण हैं। वे घर पर ही इलाज के बाद स्वस्थ हो गए।
जनवरी से 59 लोगों की मौत
इस साल जनवरी के बाद से देश में कोविड-19 से 59 लोगों के मरने की सूचना है। 22 मई तक देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 257 थी। कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और तैयारी के उपायों का आकलन करने के लिए आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, आपात प्रबंधन प्रतिक्रिया (ईएमआर) प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों के प्रतिनिधियों तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में दो जून और तीन जून को कई तकनीकी समीक्षा बैठकें की गईं।
आधिकारिक सूत्रों ने चार जून को बताया कि आईडीएसपी के तहत राज्य एवं जिला निगरानी इकाइयां इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) और गंभीर श्वसन संबंधी बीमारियों (एसएआरआई) की करीब से निगरानी कर रही हैं। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया था, "दिशा निर्देश के अनुसार एसएआरआई के सभी मामलों में और आईएलआई से संबंधित पांच प्रतिशत मामलों में जांच की सिफारिश की गई है और एसएआरआई की पुष्टि वाले नमूनों को आईसीएमआर वीआरडीएल नेटवर्क के माध्यम से संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा जा रहा है।"
एक्सपर्ट बोले- चिंता की बात नहीं
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण समय के साथ कमजोर हो रहा है। लेकिन इसके मामलों में कभी-कभार वृद्धि होने की आशंका है जिससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। विशेषज्ञों ने देश के विभिन्न भागों में बीमारी के बढ़ते मामलों संबंधी चिंता को लेकर कहा कि ऐसा लगता है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी और तापमान में अत्यधिक वृद्धि जैसे उन मौसमी कारकों का परिणाम है। इनके कारण हम वातानुकूलित स्थानों पर रहते हैं। उन्होंने सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने पीटीआई से कहा, "कोरोनावायरस के कारण होने वाला संक्रमण हर गुजरते साल के साथ कमजोर हो रहा है। यह (अब) मात्र श्वसन संबंधी एक और बीमारी है तथा फ्लू से कम खतरनाक है। यह अब चिंता का विषय नहीं है।" हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय के 'त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज' में जीव विज्ञान और स्वास्थ्य अनुसंधान के डीन अनुराग अग्रवाल ने कहा, ठइसके सभी उप स्वरूप एक जैसे हैं, जो अत्यधिक संक्रामक लेकिन कमजोर हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधी क्षमता अत्यंत कमजोर है वे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं लेकिन अधिकतर लोगों, खासकर पहले संक्रमित हो चुके या टीके लगवा चुके लोगों को अधिक खतरा नहीं है।ठ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दो साल पहले मई 2023 में कोविड-19 को 'सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति' घोषित किया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब इस बीमारी को 'मौसमी', 'स्थानिक' या 'एक निश्चित क्षेत्र तक सीमित' बीमारी के रूप में परिभाषित करते हैं। WHO के पूर्व स्टाफ सदस्य लहरिया ने कहा, "पहले से बीमार लोगों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान वे सभी मानक सावधानियां बरतनी चाहिए जो वे श्वास संबंधी अन्य संक्रमण के समय बरतते हैं।"
भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड और हांगकांग सहित दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में कोरोनावारयस संक्रमण के मामले बढ़े हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि कोरोनावायरस संक्रमण अब स्थानिक हो गया है। उसके वेरिएंट में लगातार बदलाव हो रहा है। इसलिए संक्रमण के मामलों की संख्या में उतार-चढ़ाव की संभावना है।