corona virus in UP: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार (29 मई) तक राज्य में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 40 पहुंच गई है। सभी मरीज होम आइसोलेशन में हैं। इस बीच, कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से आगरा में पहली मौत हुई है। IIT और BHU के प्रोफेसरों ने बताया कि अगर कोरोना की चौथी लहर आती है, तो उसका असर 21 से 28 दिन तक रहेगा। हालांकि, उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है।
यूपी के अलावा सबसे ज्यादा कोविड मरीज केरल और महाराष्ट्र में सामने आए हैं। इसके अलावा गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में भी COVID-19 मरीज मिले हैं। फिरोजाबाद के मुख्य मेडिकल अधिकारी (CMO) रामबदन राम ने कहा कि एक बुजुर्ग को कूल्हे की हड्डी टूटने और सिर में चोट लगने के बाद 24 मई को आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। फिर एक निजी लैब में कोविड-19 की जांच कराई गई तो उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई।
सीएमओ ने बताया कि इसके बाद उन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में सोमवार देर रात आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के कोविड आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया जहां मंगलवार शाम को उनकी मौत हो गई। आगरा मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के मुताबिक, 78 वर्षीय मरीज कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।
इस बीच, फिरोजाबाद में सात सदस्यीय मेडिकल टीम ने मृतक के परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य जांच की और पूरे इलाके को सैनिटाइज किया। सीएमओ ने पुष्टि की है कि वर्तमान में फिरोजाबाद में कोविड-19 संक्रमण का कोई सक्रिय मामला नहीं है।
कितने दिन तक रहेगा कोरोना के नए वेरिएंट का असर?
'दैनिक भास्कर' से बातचीत में IIT कानपुर के प्रोफेसर डॉ. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की ये चौथी लहर चल रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की ये लहर 21 से 28 दिन तक ही चलेगी। डॉ. अग्रवाल पहले भी अपने वैज्ञानिक मॉडल से कोरोना लहर के बारे में सटीक भविष्यवाणी करते रहे हैं। अग्रवाल का वैज्ञानिक मॉडल इस आधार पर लहर के खत्म होने की भविष्यवाणी करता है कि हर दिन किस राज्य में कितने मरीज कोरोना से ग्रस्त हो रहे हैं।
इसके अलावा BHU के जीन वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा कि कोरोना से फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है। वाराणसी स्थित बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी यानी बीएचयू के जीन वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने अखबार से बातचीत में कहा है कि कोरोना अब सामान्य फ्लू यानी आमतौर पर होने वाले सर्दी-जुकाम जैसा है। इसलिए इससे अभी डरने की जरूरत नहीं है।
वाराणसी जिले में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की लैब के दो कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित दोनों व्यक्ति बीएचयू की प्रयोगशाला के कर्मचारी हैं। दोनों ने हाल ही में अन्य राज्यों की यात्रा की थी, जिससे संक्रमण की संभावना है।
डॉ. चौधरी ने कहा, "फिलहाल, दोनों व्यक्ति घर में ही क्वारंटीन में रह रहे हैं और धीरे-धीरे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।" अधिकारियों ने जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है।
सीएमओ ने कहा कि संभावित मामलों से संबंधित आंकड़ों को यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस प्लेटफॉर्म (यूडीएसपी) पर रिपोर्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "संदिग्ध मामलों से एकत्र किए गए सैंपल को जांच के लिए बीएचयू की लैब में भेजा जाएगा।"
देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं। इसके मद्देनजर अधिकारियों को निगरानी रखने और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।