COVID-19 News: कर्नाटक सीएम का दावा गलत! ICMR और AIIMS ने कहा- सुरक्षित है कोरोना वैक्सीन, हार्ट अटैक से मौत का कारण वैक्सीनेशन नहीं

COVID-19 India News: कर्नाटक में हार्ट अटैक से हुई मौत के मामलों को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा कोरोना वायरस वैक्सीन से जोड़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार (2 जुलाई) को सफाई दी। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा किए गए व्यापक स्टडी में पुष्टि हुई है कि वैक्सीनेशन और अचानक हुई मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है

अपडेटेड Jul 02, 2025 पर 2:59 PM
Story continues below Advertisement
COVID-19 India News: कोरोना वायरस वैक्सीन और हार्ट अटैक से अचानक हुई मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है

COVID-19 India News: कर्नाटक के हासन में हार्ट अटैक से हुई मौतों के हालिया मामलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार (1 जुलाई) को दावा किया कि जल्दबाजी में कोरोना वायरस (कोविड-19) वैक्सीन को मंजूरी और लोगों का वैक्सीनेशन करना भी इन मौतों का एक कारण हो सकता है। उन्होंने सभी लोगों से से आग्रह किया कि यदि उन्हें सीने में दर्द या सांस लेने में कठिनाई हो, तो वे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच कराएं। इसे नजरअंदाज न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकेले हासन जिले में ही पिछले महीने दिल के दौरे से 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इस बीच, ICMR और एम्स ने सीएम के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है कि हार्ट अटैक से मौत का कारण कोविड वैक्सीन है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार (2 जुलाई) को कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की तरफ से किए गए व्यापक अध्ययनों में पता चला है कि कोरोना वायरस वैक्सीन और हार्ट अटैक से अचानक हुई मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है।

मंत्रालय ने कहा कि देश में कई एजेंसियों के माध्यम से अचानक और अस्पष्ट कारणों से मौत के मामलों की जांच की गई है। इन अध्ययनों से यह निर्णायक रूप से स्थापित हो गया है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन और अचानक मौतों की रिपोर्ट के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।


सुरक्षित है कोरोना वैक्सीन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की तरफ से किए गए अध्ययनों से पुष्टि होती है कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं। इनके गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बेहद कम हैं। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि अचानक हार्ट अटैक के पीछे जेनेटिक कारण, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां और कोविड के बाद की जटिलताएं जैसे कई कारण हो सकते हैं।

आईसीएमआर और एनसीडीसी खासकर 18 से 45 वर्ष के वयस्कों में अचानक और अस्पष्ट कारणों से मौत की वजहों को समझने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इस उद्देश्य के लिए दो पूरक अध्ययन किए गए। इनमें अलग-अलग स्टडी पद्धतियों का उपयोग किया गया। एक अध्ययन पूर्ववर्ती डेटा (पिछले रिकॉर्ड) पर आधारित था। जबकि दूसरा वास्तविक समय की जांच पर केंद्रित था।

मंत्रालय ने कहा कि इस अध्ययन को मई से अगस्त 2023 के बीच देश के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 47 अस्पतालों में किया गया। अध्ययन में उन व्यक्तियों को शामिल किया गया जो देखने में पूरी तरह स्वस्थ थे। लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच अचानक उनकी मौत हो गई।

निष्कर्षों से यह स्पष्ट रूप से पता चला है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन से युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ता है। दूसरे अध्ययन का शीर्षक है 'युवाओं में अचानक मौत के कारणों की पहचान' इस अध्ययन को वर्तमान में एम्स, नई दिल्ली द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग और फंडिंग से किया जा रहा है।

स्टडी का क्या है उद्देश्य?

बयान में कहा गया है कि इस अध्ययन का उद्देश्य युवाओं की अचानक मौत के सामान्य कारणों की पहचान करना है। इस अध्ययन से प्राप्त शुरुआती आंकड़ों का विश्लेषण यह दर्शाता है कि हार्ट अटैक इस आयु वर्ग में अचानक मृत्यु का प्रमुख कारण बना हुआ है। यह अध्ययन बताता है कि भारत में युवाओं में अचानक हुई मौत के कारणों की प्रवृत्ति में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं देखा गया है। अधिकांश मामलों में जेनेटिक म्यूटेशन को संभावित कारण के रूप में पहचाना गया है। अध्ययन पूरा होने के बाद अंतिम निष्कर्ष साझा किए जाएंगे।

इन दोनों अध्ययनों ने मिलकर भारत में 18 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं में होने वाली अचानक मृत्यु के कारणों की बेहतर और व्यापक समझ प्रदान की है। बयान में कहा गया है कि यह भी पाया गया है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन से जोखिम नहीं बढ़ता है।

बयान में कहा गया है, "वैज्ञानिक विशेषज्ञों ने दोहराया है कि कोविड वैक्सीनेशन को अचानक मौतों से जोड़ने वाले बयान झूठे और भ्रामक हैं। इन्हें वैज्ञानिकों की आम सहमति प्राप्त नहीं है" स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि निर्णायक साक्ष्यों के बिना किए गए अटकलों पर आधारित दावे न केवल भ्रामक होते हैं।

उन्होंने कहा कि बल्कि वैक्सीन पर जनता के भरोसे को कमजोर भी कर सकते हैं। जबकि इन वैक्सीन ने कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों जानें बचाने में अहम भूमिका निभाई है। उसने कहा कि ऐसे बेबुनियादी दावों से देश में वैक्सीन लगवाने को लेकर झिझक को बढ़ावा मिल सकता है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

कर्नाटक सीएम ने क्या कहा था?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा है कि अकेले हासन जिले में ही पिछले महीने दिल के दौरे से 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने X पर कहा, "राज्य सरकार इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है। इन मौतों के वास्तविक कारण का पता लगाने और समाधान खोजने के लिए जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. रवींद्रनाथ के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है। उन्हें 10 दिन के भीतर अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है"

ये भी पढ़ें- Dalai Lama News: दलाई लामा ने चीन को दिखाया ठेंगा! उत्तराधिकारी को लेकर कर दिया बड़ा ऐलान, चीनी सरकार ने की ये अपील

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Jul 02, 2025 2:56 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।