Delhi Flood: यमुना बाढ़ के पानी में अचानक नजर आई विदेशी छिपकली, देख लोग हुए दंग

African Monitor Lizard: यमुना नदी बाढ़ के निशान से ऊपर बह रही थी, तभी मयूर विहार-1 में लोग हैरान रह गए। बाढ़ के पानी में अचानक एक दुर्लभ अफ्रीकी मॉनिटर छिपकली दिखाई दी। डर और उलझन में लोग इसे मारने लगे, लेकिन कुछ ने तुरंत वाइल्डलाइफ टीम को सूचित कर सही कदम उठाया

अपडेटेड Sep 08, 2025 पर 4:07 PM
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African Monitor Lizard: मॉनिटर छिपकली, जिसे हिंदी में “गोह” या “विषखोपड़ा” कहा जाता है

इन दिनों यमुना नदी अपने खतरनाक स्तर से ऊपर बह रही है और दिल्ली के कई इलाके पानी में डूब गए हैं। इसी बाढ़ के दौरान एक ऐसा नजारा सामने आया जिसने लोगों को हैरान कर दिया। मयूर विहार-1 इलाके में बाढ़ के पानी में बहकर एक दुर्लभ अफ्रीकी मॉनिटर छिपकली दिखाई दी। यह देखकर स्थानीय लोग घबरा गए और कई लोगों ने इसे मारने की कोशिश भी की। लेकिन कुछ सजग और समझदार लोगों ने तुरंत वाइल्डलाइफ टीम को खबर दी।

ये घटना यह भी दर्शाती है कि बाढ़ के समय न सिर्फ पानी बल्कि जंगली जानवरों के आने का खतरा भी बढ़ जाता है। लोगों को चाहिए कि वे सतर्क रहें और किसी भी अनजान जीव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करें, बल्कि तुरंत विशेषज्ञों की मदद लें।

वाइल्डलाइफ टीम की समय पर कार्रवाई

मौके पर पहुंची वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने कई घंटे की मेहनत के बाद मॉनिटर छिपकली को सुरक्षित रेस्क्यू किया। टीम के सह-संस्थापक और CEO कार्तिक सत्यनारायण ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि, मेट्रो स्टेशन के कर्मचारियों ने पेंट्री क्षेत्र में इसे देखा और मदद के लिए कॉल की। छिपकली को तुरंत चिकित्सीय परीक्षण के लिए ले जाया गया और बाद में उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया।


बाढ़ के मौसम में बढ़ते सरीसृपों के खतरे

गीता शेषमणि, वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक, ने बताया कि लगातार बारिश और जलभराव के कारण दिल्ली-एनसीआर में सांप और अन्य जीव-जंतु लोगों के घरों में प्रवेश कर रहे हैं। हर दिन टीम को ऐसे मामलों की सूचनाएं मिल रही हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि बाढ़ और बारिश के दौरान सतर्क रहें, क्योंकि सरीसृप सुरक्षित जगह की तलाश में मानव आवासों की ओर बढ़ सकते हैं।

मॉनिटर छिपकली क्या है?

मॉनिटर छिपकली, जिसे हिंदी में “गोह” या “विषखोपड़ा” कहा जाता है, वरानस वंश की एक बड़ी और शक्तिशाली छिपकली है। ये आमतौर पर 20 सेंटीमीटर से लेकर 3 मीटर या उससे भी बड़ी हो सकती है। ये अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया में पाई जाती है और मांसाहारी होती है। बाढ़ के समय ऐसे सरीसृप असामान्य स्थानों पर दिखाई दे सकते हैं, जिससे लोगों को सावधान रहना बेहद जरूरी है।

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First Published: Sep 08, 2025 4:07 PM

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