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Deoria News: बकरीद पर बकरे की नहीं, खुद की दे दी कुर्बानी, सुसाइड नोट से हुआ खुलासा  

Deoria News: देवरिया में बकरीद के मौके पर एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई, जहां एक व्यक्ति ने खुद को अल्लाह के नाम पर कुर्बान करने के इरादे से गला रेत लिया। उसे तुरंत गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना ने सभी को चौंका दिया

अपडेटेड Jun 08, 2025 पर 8:52 AM
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Deoria News: झोपड़ी की तलाशी लेने पर ईश मोहम्मद के हाथ का लिखा एक पत्र मिला

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से बकरीद के दिन एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरानी में डाल दिया है। जहां एक ओर पूरे देश में मुस्लिम समुदाय खुशी-खुशी ईद-उल-अजहा मना रहा था और अजीज जानवरों की कुर्बानी दे रहा था, वहीं गौरीबाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव में 58 वर्षीय ईश मोहम्मद ने खुद की जान देकर ‘कुर्बानी’ का एक चौंकाने वाला उदाहरण पेश कर दिया। ईद की नमाज अदा करने के बाद वे अपने घर के पास बनी झोपड़ी में गए और वहां खुद का गला रेत लिया। परिजन जब तक कुछ समझ पाते, तब तक वह लहूलुहान हालत में मिले।

उन्हें गंभीर अवस्था में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है और धार्मिक आस्था के नाम पर उठाए गए इस कदम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

परिवार को लगा कर रहे हैं इबादत


नमाज से लौटकर जब ईश मोहम्मद झोपड़ी में गए तो परिजन यही समझते रहे कि वे इबादत में व्यस्त हैं। लेकिन काफी देर तक बाहर न आने पर जब परिवार ने दरवाजा खोला, तो उनके होश उड़ गए। ईश मोहम्मद खून से लथपथ हालत में पड़े थे और उनका गला कटा हुआ था।

इलाज के दौरान हुई मौत

परिजन उन्हें आनन-फानन में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया ले गए, जहां से हालत गंभीर देख गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। वहां देर शाम इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

सामने आया रहस्यमयी पत्र

झोपड़ी की तलाशी लेने पर ईश मोहम्मद के हाथ का लिखा एक पत्र मिला, जिसमें उन्होंने लिखा था कि "जैसे लोग बकरे को बेटे की तरह पालकर कुर्बानी देते हैं, मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम पर दे रहा हूं। मेरी मौत से घबराना नहीं, किसी ने मुझे मारा नहीं है।"

अंधविश्वास या धार्मिक प्रवृत्ति

पत्नी हाजरा खातून के मुताबिक, ईश मोहम्मद धार्मिक प्रवृत्ति के थे और अक्सर अंबेडकरनगर के किछौछा स्थित मखदूम बाबा की मजार पर जाया करते थे। परिवार का मानना है कि वे आध्यात्मिक प्रभाव में आकर ऐसा कदम उठा बैठे।

गांव में पसरा मातम

इस सनसनीखेज घटना से गांव में मातम छा गया है। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि शांत स्वभाव के ईश मोहम्मद ऐसा भी कर सकते हैं। उनकी पत्नी हाजरा खातून और बेटियां इस दर्दनाक घटना से टूट चुकी हैं। वहीं बेटे अहमद, फैज और ताज सदमे में हैं।

अंधविश्वास में उठाया गया कदम

मामले पर सीओ हरिराम यादव ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे थे। प्रारंभिक जांच और परिजनों से बातचीत के आधार पर यह अंधविश्वास का मामला प्रतीत हो रहा है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।

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