Mythical Dragon: पौराणिक कथाओं में समुद्रों में उड़ने वाले ड्रैगन का जिक्र है जो हमेशा से लोगों के बीच चर्चा का विषय रहे है। उनकी विशालकाय शरीर और जादुई शक्ति को लेकर आज भी कई तरह की कहानियां चलती है। लेकिन क्या सच में ये ड्रैगन कभी धरती पर उड़ते थे? हाल ही में चीन में एक ऐसे प्राचीन जीव के जीवाश्म खोजे गए हैं जो 24 करोड़ साल पुराने है। ये जीवाश्म पत्थरों के बीच में सुरक्षित पाए गए है। जीवाश्म विज्ञानियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम अब दक्षिण-पश्चिमी चीन में इन जीवाश्मों का अध्ययन कर रही है। ये जीवाश्म डिनोसेफलोसौरस ओरिएंटलिस (Dinocephalosaurus orientalis) नामक एक लंबी गर्दन वाले समुद्री सरीसृप के हैं, जिसकी असाधारण दिखावट बिल्कुल पौराणिक ड्रैगन जैसी है।
हालांकि इस जीव की खोज 2003 में हुई थी, लेकिन डिनोसेफलोसौरस की पूरी शारीरिक बनावट आज भी एक रहस्य बनी हुई थी। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने अच्छी तरह से संरक्षित कई नमूनों को इकट्ठा किया और आखिरकार इसकी शारीरिक संरचना को फिर से बनाया।
डिनोसेफलोसौरस ओरिएंटलिस को पहली बार 2003 में नाम दिया गया था, लेकिन हाल ही में जीवाश्म विज्ञानियों ने इसके पूरे कंकाल का विस्तृत डेटा दिया है। चीन के गुइझोउ प्रांत से मिले नए जीवाश्मों ने शोधकर्ताओं को छूटे हुए हिस्सों को भरने और इसकी पूरी शारीरिक बनावट का एक स्पष्ट चित्र बनाने में मदद की है। लगभग 16-20 फीट लंबा यह समुद्री सरीसृप विशाल 32 सर्वाइकल कशेरुकाओं के कारण अपने शरीर और पूंछ की संयुक्त लंबाई से भी लंबी गर्दन रखता था। इसके लंबे आकार और सांप जैसे सिर के कारण इसकी तुलना अक्सर पौराणिक चीनी ड्रैगन से की जाती रही है।
प्लेसीओसॉर से नहीं है संबंधित
हालांकि यह दिखने में बाद के प्लेसीओसॉर जैसा दिखता था, जो एक विलुप्त मेसोजोइक समुद्री सरीसृप था, लेकिन डिनोसेफलोसौरस उनसे करीबी से संबंधित नहीं था। यह आर्कियोसोरोमोर्फा वंश से संबंधित है, जिसने अपनी लंबी गर्दन को स्वतंत्र रूप से विकसित किया। जीवाश्म प्रमाण बताते है कि यह सरीसृप जीवित बच्चों को जन्म देता था, जो सरीसृपों के लिए एक असाधारण रूप से दुर्लभ विशेषता है। यह दर्शाता है कि यह पूरी तरह से समुद्र के जीवन के लिए अनुकूलित था।
चीन, जर्मनी, स्कॉटलैंड और अमेरिका के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन के नमूने चीनी विज्ञान अकादमी और स्कॉटलैंड के राष्ट्रीय संग्रहालयों में रखे गए है। बीजिंग के डॉ. ली चुन ने कहा, 'यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास रहा है। सभी असाधारण खोजों में डिनोसेफलोसौरस शायद सबसे उल्लेखनीय है।'
क्यों महत्वपूर्ण है यह खोज?
स्कॉटलैंड के राष्ट्रीय संग्रहालयों के डॉ. निक फ्रेजर ने बताया कि, 'यह रिसर्च हमें इस अद्भुत लंबी गर्दन वाले जानवर को पहली बार पूरी तरह से दिखाती है। हमें यकीन है कि यह दुनिया भर में लोगों की कल्पनाओं को उड़ान देगा।' समुद्री लक्षणों और प्रजनन रणनीतियों के पूरी तरह से नए संयोजन को दिखाकर, डिनोसेफलोसौरस ट्राइएसिक विकास की हमारी समझ को भी बढ़ाता है। उन्होंने आगे कहा कि, जीवाश्म की खोज हमें बताती है कि ट्राइएसिक काल के दौरान समुद्री पारिस्थितिक तंत्र कितने विविध और प्रयोगात्मक थे, जहां ये डिनोसेफलोसौरस प्लेसीओसॉर, इचिथ्योसॉर और अन्य विचित्र रूपों के साथ जीवित थे।