मेट्रो अटलांटा में डॉ. केहिंदे इदौवु सड़क पर थे, तभी उनकी नजर एक SUV पर पड़ी जो अजीब ढंग से चल रही थी। गाड़ी कई बार रुक-रुक कर आगे बढ़ रही थी और ड्राइवर का नियंत्रण बाहर था। थोड़ी ही देर में गाड़ी एक पेड़, डस्टबिन और आखिर में एक बिल्डिंग से टकरा गई। देखकर ऐसा लगा कि ड्राइवर की हालत बहुत गंभीर है। आसपास लोग हॉर्न बजा रहे थे, लेकिन ड्राइवर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था। डॉ. इदौवु ने तुरंत गाड़ी की तरफ बढ़कर देखा और समझा कि समय बहुत कीमती है, अगर तुरंत मदद नहीं मिली तो जान जाने का खतरा था।
उन्होंने गाड़ी से ड्राइवर को बाहर निकाला और पल्स चेक किया। तब तक उन्हें पता चला कि ड्राइवर बेहोश है और सांस नहीं ले रहा। इस वक्त डॉ. इदौवु ने बिना किसी देर के CPR शुरू कर दी ताकि उसकी जान बचाई जा सके।
डॉ. इदौवु ने कहा, "मैंने ऐसा करने की उम्मीद नहीं की थी, लेकिन हमारा प्रशिक्षण हमें तैयार करता है कि जब जरूरत हो तो CPR की मदद से किसी की जान बचाई जा सके।"
पहली मदद करने वाले लोगों (फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स) ने ड्राइवर की जान बचाने के लिए डिफिब्रिलेटर का इस्तेमाल किया। थोड़ी देर में ड्राइवर ने खुद से सांस लेना शुरू कर दिया, जिससे सभी को बहुत राहत मिली।
अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाई गई जान
डॉ. इदौवु ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि भविष्य में मैं उनसे मिल पाऊंगा। बस ये जानकर खुशी हो रही है कि वो सुरक्षित हैं।"