Ghaziabad Boiler Blast: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक पेपर मिल के बॉयलर में ब्लास्ट होने में 3 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, इस हादसे में एक की हालत गंभीर है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना भोजपुर क्षेत्र के देहात इलाके की है। एक अधिकारी ने बताया कि भोजपुर थाना क्षेत्र के अतरौली क्षेत्र में शुक्रवार (28 मार्च) को तड़के एक रबर रोल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में बॉयलर विस्फोट होने से तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
विस्फोट से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया, जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर बचाव और राहत अभियान चलाया गया। लेकिन घायलों की सही संख्या अभी भी स्पष्ट नहीं है। अधिकारी विस्फोट के कारणों की जांच कर रहे हैं। आगे की जानकारी का इंतजार है।
बचाव अभियान चलाने के लिए मेडिकल कर्मियों के साथ एक बड़ी पुलिस टुकड़ी घटनास्थल पर मौजूद थी। पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान भोजपुर गांव के मुकीमपुर निवासी योगेंद्र कुमार (48), मोदीनगर के कृष्णा नगर निवासी अनुज सिंह (27) और ग्रेटर नोएडा के जेवर निवासी अवधेश कुमार (21) के रूप में हुई है।
मोदीनगर के एसीपी ज्ञान प्रकाश राय ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि शुक्रवार तड़के करीब साढ़े पांच बजे नॉर्डस्टर्न रबर एंड रोल्स प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में यह हादसा हुआ। कुछ लोग बॉयलर के पास काम कर रहे थे, तभी अचानक विस्फोट हो गया। इससे तीन लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। कुछ मजदूरों ने काम करते समय सुरक्षा सावधानियों को लेकर सवाल उठाए हैं।
मजदूरों ने यह भी कहा कि बॉयलर मशीन ठीक से काम नहीं कर रही थी। उन्होंने फैक्ट्री मालिक से भी इस बारे में बात की है। इससे पहले अलवर-भिवाड़ी मेगा हाईवे-48 पर बॉयलर फटने की ऐसी ही घटना हुई। अलवर-भिवाड़ी मेगा हाईवे-48 पर 17 मार्च को सिजवर्क इंक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में बॉयलर फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक घायल हो गया। जबकि आसपास के रिहायशी इलाकों को भी काफी नुकसान पहुंचा।
घटना दोपहर करीब साढ़े तीन बजे परिसर में पुराने बॉयलर को हटाने के दौरान हुई। झारखंड के पथरिया गांव के 32 वर्षीय मजदूर शेख जमशेद की इस दुर्घटना में मौत हो गई। शक्तिशाली विस्फोट से बॉयलर के पुर्जे 500 मीटर के दायरे में बिखर गए, जिससे आस-पास की आवासीय इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा। इस धमाके के कारण 10-12 घरों की दीवारें ढह गईं और खिड़कियां टूट गईं।
कथित तौर पर फैक्ट्री प्रबंधन ने फैक्ट्री परिसर को बंद कर दिया और अधिकारियों को दुर्घटना के बारे में सूचित नहीं किया। घटना का पता तब चला जब भिवाड़ी एसपी ज्येष्ठा मैत्रेई को खुफिया जानकारी मिली और उन्होंने खुशखेड़ा स्टेशन अधिकारी हनुमान प्रसाद यादव को स्थिति का आकलन करने के लिए भेजा। स्थानीय निवासी अकबर खान के अनुसार, आस-पास खेल रहे बच्चे गिरते धातु के मलबे से बाल-बाल बच गए।