Bengaluru Airport: बेंगलुरु एयरपोर्ट के डिस्प्ले बोर्ड से हटाई गई हिंदी? वीडियो सामने आने के बाद भाषा पर फिर छिड़ी जंग

Bengaluru Airport: सोशल मीडिया पर इससे संबंधित एक वीडियो क्लिप इस समय तेजी से वायरल हो रही है। इसमें यूजर का दावा है कि बेंगलुरु एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपने सभी साइनबोर्ड से हिंदी भाषा हटा दी है। अब वहां हवाई यात्रियों को सिर्फ कन्नड़ और अंग्रेजी में ही जानकारी दी जा रही है। हालांकि, अब इस विवाद पर सफाई देते हुए अधिकारियों ने कहा है कि ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया है

अपडेटेड Apr 15, 2025 पर 5:33 PM
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Bengaluru Airport: एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा है कि ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया है

Bengaluru Airport News: केंद्र सरकार और दक्षिणी राज्यों के बीच चल रही भाषा संबंधी बहस के बीच हाल ही में एक सोशल मीडिया यूजर ने दावा किया कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) के डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड से हिंदी हटा दी गई है। सोशल मीडिया पर इससे संबंधित एक वीडियो क्लिप इस समय तेजी से वायरल हो रही है। इसमें यूजर का दावा है कि बेंगलुरु एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपने सभी साइनबोर्ड से हिंदी भाषा हटा दी है। अब वहां हवाई यात्रियों को सिर्फ कन्नड़ और अंग्रेजी में ही जानकारी दी जा रही है।

हालांकि, अब इस विवाद पर सफाई देते हुए अधिकारियों ने कहा है कि ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछले सप्ताह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यूजर ने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर डिजिटल स्क्रीन दिखाई। उन पर फ्लाइट नंबर, डेस्टिनेशन, स्टेटस और गेट नंबर सिर्फ अंग्रेजी और कन्नड़ में दिखाई दे रहे थे।

यूजर ने कई वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "आज, बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के T1 टर्मिनल पर एक अजीब चीज देखने को मिली। फ्लाइट की जानकारी, फ्लाइट के आने और जाने का शेड्यूल और दूसरी जानकारियां दिखाने वाले सभी डिजिटल बोर्ड सिर्फ अंग्रेजी और कन्नड़ में थे।"


यूजर ने एयरपोर्ट पर डिस्प्ले बोर्ड के कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए, जिसमें फ्लाइट की जानकारी केवल अंग्रेजी और कन्नड़ में दिखाई गई थी। जैसे ही यह पोस्ट ऑनलाइन वायरल हुआ, बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) ने कहा कि उसके डिस्प्ले सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि डिजिटल स्क्रीन पर अंग्रेजी और कन्नड़ का इस्तेमाल लंबे समय से चल रहा है, जिसका उद्देश्य यात्रियों की प्रभावी मदद करना है।

एयरपोर्ट की आई सफाई

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि टर्मिनलों पर वेफाइंडिंग साइनेज अंग्रेजी, कन्नड़ और हिंदी में प्रदर्शित किए जा रहे हैं। हालांकि सफाई के बावजूद, इस पोस्ट ने एक पुरानी चर्चा को फिर से हवा दे दी कि क्या भारत की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट, बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर कई भाषाओं को शामिल किया जाना चाहिए।

सोशल मीडिया पर लोगों ने इस कदम की तीखी आलोचना की। एक यूजर ने पूछा, "क्या केवल अंग्रेजी और कन्नड़ जानने वाले लोग ही बेंगलुरु आते हैं?" एक अन्य ने टिप्पणी की, "मेट्रो स्टेशनों पर हिंदी न होना समझ में आता है। लेकिन हिंदी हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर होना चाहिए।"

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यह घटना दक्षिणी भारतीय राज्यों खासकर कर्नाटक और तमिलनाडु में हिंदी को कथित तौर पर 'थोपने' के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन को और हवा दे सकती है। जानकारों का मानना है कि इस तरह के विवाद में भाषाई विविधता और राष्ट्रीय एकता के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Apr 15, 2025 5:21 PM

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